RailYatri App Hacked: साइबर हैकरों ने रेलयात्री एप को निशाना बनाया है. रेलयात्री एप के यूजर्स का डाटा हैकरों ने चुरा लिया है. इसमें यूजर्स के नाम, ईमेल आईडी, फोन नंबर और उनकी लोकेशन जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल हैं. इस डाटा को एक डार्क वेब पर बिक्री के लिए रखा गया था. साइबर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.


रेलयात्री भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की अधिकृत एप है. यह यूजर्स को टिकट बुक करने, उनके पीएनआर स्थिति चेक करने और भारत में ट्रेन यात्रा से संबंधित अन्य जानकारी देखने की सुविधा देता है. 


3.1 करोड़ डाटा प्वाइंट
HT की रिपोर्ट के मुताबिक रेलयात्री से 3.1 करोड़ अनुमानित डाटा प्वाइंट का एक सेट डार्क वेब पर बिक्री के लिए रखा गया था. यूनिट82 के रूप में पहचाने गए एक हैकर ने इस बारे में पोस्ट साझा कर जानकारी दी थी. हैकर ने दावा किया कि डाटा दिसंबर 2022 में हैक कर लिया गया था. यूनिट82 ने एक लिंक भी साझा किया जहां डाटा की खरीदने के लिए उनसे संपर्क किया जा सकता है.


साइबर एक्सपर्ट का मानना है के विशेष रूप से फोन नंबर जैसे डेटा प्वाइंट मिलने के बाद इसके दुरुपयोग की गुंजाइश काफी हद तक बढ़ जाती है. इन नंबरों का इस्तेमाल लोगों को सेक्सटॉर्शन, पार्ट-टाइम जॉब रैकेट या पुलिस अधिकारी बनकर वित्तीय धोखाधड़ी जैसे अपराधों को करने में किया जा सकता है. इसके अलावा, नाम, ईमेल आईडी और फोन नंबर का इस्तेमाल जाली दस्तावेज बनाने में हो सकता है.


डेटा प्वाइंट किसी भी प्रकार का डेटा होता है, जिसमें यूजर्स के नाम, ईमेल आईडी, पते और फ़ोन नंबर शामिल होते हैं.


रेलवे अधिकारी रिपोर्ट का कर रहे इंतजार
रेलवे के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि डेटा लीक के बारे में कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं आई है. हम डेटा लीक की खबरों पर गौर कर रहे हैं. गूगल प्ले स्टोर के मुताबिक एप को अब तक 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स ने डाउनलोड किया है.


12 गीगाबाइट से ज्यादा है कुल डाटा
डाटा को बिक्री के लिए ब्रीच्ड फोरम पर रखा गया है. फोरम पर किए गए पोस्ट में बताया गया है कि इसमें कुल 3,10,62,673 डाटा प्वाइंट हैं. यह पूरा डाटा लगभग 12.33 गीगाबाइट है.बायो में यह भी कहा गया है कि यूनिट82 इज़राइल में स्थित है और 6 अगस्त, 2022 से ब्रीच्ड फोरम का सदस्य है.


HT ने रविवार की रात यूनिट 82 के साथ संपर्क किया था तो 300 डॉलर में डाटा को बेचने की पेशकश की गई. यूनिट 82 ने इसे पत्रकारों के लिए रियायती मूल्य बताया था.


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