दिल्ली में गर्मी अपने चरम पर है, बीते बुधवार को यानी कि 30 जून को गर्मी ने कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. तो वहीं जुलाई की शुरुआत भी कुछ खास अच्छी नहीं है. तापमान 40 डिग्री के ऊपर बना हुआ है जो कि सामान्य से तकरीबन 7 डिग्री ज्यादा चल रहा है. जिसकी वजह से दिल्ली और आसपास के इलाकों में भीषण गर्मी और लू के थपेड़े पूरे दिन लोगों को परेशान कर रहे हैं. लेकिन आज शाम में हुई बारिश ने लोगों को कुछ राहत जरूर दी है. हालांकि उससे तापमान में कुछ खास गिरावट तो नहीं है लेकिन कुछ देर के लिए ही सही मौसम में तबदीली जरूर देखी गई.
दिल्ली में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है क्योंकि बुधवार को दिल्ली का तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस साल में अब तक शहर के लिए सबसे अधिक रहा है. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का कहना है कि, बढ़ते तापमान के बीच दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में लोगों को मानसून की बारिश आने के लिए कम से कम एक सप्ताह इंतजार करना होगा क्योंकि मानसून रुक गया है और वह अपने निर्धारित समय से पीछे चल रहा है.
7 जुलाई तक दिल्ली और राजस्थान के इलाके में मानसून नहीं- मौसम विभाग
ताजा बातचीत में मौसम वैज्ञानिक का कहना है की 7 जुलाई तक दिल्ली और राजस्थान के इलाकों में मानसून आने की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है. हालांकि आने वाले दो-चार दिनों में तापमान में जरूर थोड़ी बहुत गिरावट आ सकती है वह भी इसलिए क्योंकि दिल्ली में हल्की बूंदाबांदी के अनुमान है लेकिन वह गर्मी से कुछ राहत नहीं देने वाली.
मौसम विभाग के साइंटिस्ट डॉक्टर जीनामनी का कहना है कि, "7 जुलाई तक दिल्ली और राजस्थान के इलाके में मानसून नहीं आ रहा है. बादल समुंदर से आता है लेकिन अभी तक अरेबियन सी में भी कोई बादल के अनुमान नहीं है, सबसे पहले मानसून का इंडिकेशन समंदर की तरफ से मिलेगा क्योंकि वही पर बादल सबसे पहले बनेगा, तब दिल्ली में आएगा. 10 या 11 जुलाई के बाद मानसून आने के अनुमान है. 4 जुलाई तक हम बता सकते है कि कबा आयेगा."
30 जून कई दशकों का सबसे गर्म दिन जरूर साबित हुआ
मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक अभी अरेबियन सी में बादल बनते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं क्योंकि सबसे पहले बादल वही बनते हैं. जिसके बाद दिल्ली की तरफ मॉनसून तेजी से आता है लेकिन इस बार मॉनसून में काफी देरी हो गई है. पहले जिस तरह से मानसून आगे बढ़ रहा था और देश के बाकी हिस्सों में अच्छी बारिश के हिसाब से दिल्ली में मॉनसून 14-15 तारीख में ही आने की अटकलें थी. जिसके बाद धीरे-धीरे करके मॉनसून आगे बढ़ता गया और 27 से 30 जून तक मॉनसून के अनुमान लगाए जाने लगे.
लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसे बदली 30 जून तक मानसून तो नहीं लेकिन 30 जून कई दशकों का सबसे गर्म दिन जरूर साबित हुआ. जहां 30 जून को तापमान 43.5 रहने के साथ साथ लू और उमस ने गर्मी से लोगो की मुश्किलें बड़ा दी.
इस वक़्त गर्मी में लोगों को काफी सावधानियों के साथ घर से निकलने की जरूरत है. डॉक्टर की सलाह है कि घर से निकलने से पहले अपने आप को पूरी तरह ढक कर बाहर निकले, यानी जितना हो सके अपने आप को गर्मी से बचाए. साथ ही ज्यादा से ज्यादा पानी पिए और अपने आप को हाइड्रेटेड रखें. और ऐसा देखा भी जा रहा है कि लोग बाहर निकल कर नीबू पानी, शिकंजी जैसी चीज़े पीना पसंद कर रहे है जो इस गर्मी में लोगो को राहत दे रही है.
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