नई दिल्लीः मौसम बदलाव हो रहा है और पश्चिमी विक्षोभ के कारण 21 से 24 मार्च के बीच पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भारी बारिश होने की आशंका है. 24 से 31 मार्च के बीच कोई पश्चिमी विक्षोभ नहीं होने की संभावना है, जिससे उत्तर पश्चिम भारत और देश के दूसरे हिस्सों में अधिकतम तापमान में वृद्धि हो सकती है. मौसम विज्ञान विभाग ने अगले दो सप्ताह के पूर्वानुमान में यह जानकारी दी है. वहीं, 18 से 24 मार्च के बीच पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से तापमान सामान्य रहने की संभावना है.


तीव्र पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भारी वर्षा होने की संभावना है और उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 21 से 24 मार्च तक हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. मध्य भारत में सप्ताह के पहले हाफ में छिटपुट बारिश, बिजली गिरने और मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में 30-40 किमी प्रति घंटे तक की तेज गति तेज हवाओं के चलने की संभावना है. पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, पूर्वी मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा और तेलंगाना में 20 मार्च तक ओलावृष्टि की संभावना है.

दक्षिण के की राज्यों में सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना
तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, करावल, तेलंगाना, केरल और माहे, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में सप्ताभर बारिश की संभावना है. कुल मिलाकर उत्तर भारत के साथ-साथ मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है. उत्तर प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों में सामान्य बारिश होने की संभावना है.

देश के उत्तरी हिस्सों बारिश सामान्य कम रहने की संभावना
वहीं, 24 से 31 मार्च के बीच किसी भी पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने के कारण देश के उत्तरी हिस्सों में बारिश की गतिविधियां सामान्य से कम रहने की संभावना है. मध्य और उत्तर प्रायद्वीपीय भारत में अधिकतम तापमान 34 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच है. सौराष्ट्र और कच्छ में तापमान सामान्य से 4-6 डिग्री सेल्सियस ज्यादा, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से 2-4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है.


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