पटना: पडोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आयी बाढ़ से बिहार बेहाल है. कुछ जिलों पूर्णिया, अररिया और किशनगंज में पानी का जलस्तर कम हो रहा है, जबकि कटिहार और उस दिशा के दूसरे इलाक़ों की ओर बढ़ रहा है. बाढ़ से प्रदेश में अब तक 72 लोगों की मौत हो जाने के साथ ही बाढ से 14 जिलों की 73.44 लाख आबादी प्रभावित हुई है.


अबतक 72 लोगों की मौत


बाढ प्रभावित प्रदेश के 14 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, गोपालगंज, सुपौल एवं मधेपुरा में से सबसे अधिक 20 लोग अररिया में, सीतामढी में 11, पश्चिमी चंपारण में 9, किशनगंज में 8, मधुबनी एवं पूर्णिया में 5-5, मधेपुरा एवं दरभंगा में 4-4, पूर्वी चंपारण में 3, शिवहर 2 और सुपौल में एक व्यक्ति की मौत हुई है.


   


504 राहत शिविरों में रह रहे हैं 1.16 लाख लोग


बाढ़ के कारण इन 14 जिलों के 110 प्रखंड और 1,151 पंचायत प्रभावित हुए हैं और कुल 73.44 लाख आबादी प्रभावित हुई है. राज्य सरकार के द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. अब तक 2.74 लाख लोगों को बाढ प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और 504 राहत शिविरों में 1.16 लाख व्यक्ति शरण लिए हुए हैं. बाढ के कारण बुधवार को भी रेल सेवाएं बाधित रहीं.


कटिहार में बाढ़ से हाहाकार


बिहार के कटिहार जिले में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर सनौली प्रखंड के बेलवा गांव में बाढ़ की स्थिति बिगड़ गई है. परसों रात से यहां बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है. स्थिति ये है कि राज्य मार्ग के किनारे बसे परिवारों पर आफत आ गई है. बाढ़ की वजह से घरों में रखा अनाज डूब गया है, जिसकी वजह से लोग भूखे हैं, लेकिन यहां प्रशासन का कोई इंतजाम नहीं दिखा.



बेलवा गांव में गरीब की झोपड़ी तो बर्बाद हो ही गई है, लेकिन जो पक्के मकान बने हैं वहां भी बाढ़ का पानी घरों की चारदीवारी पार कर गया है. बाढ़ से सहमे आस-पास के लोगों ने इस पक्के मकान में शरण ले रखी है. यहां पर प्रशासन की मदद नहीं पहुंचने से बाढ़ में फंसे लोग परेशान हैं. न तो इन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए कोई आया है और न ही खाने का पैकेट मिल रहा है. जिंदगी की कठिन लड़ाई में इनका साथ देने के लिए कोई नहीं है.


किशनगंज शहर में बाढ़ का पानी उतर रहा है


किशनगंज शहर में बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे उतर रहा है. ज्यादातर इलाकों में पानी घट चुका है. पानी कम होने के बावजूद लोगों की मुसीबत कम नहीं हुई है. उल्टा मुसीबत अब बढ़ गई है. किशनगंज और अररिया को जोड़ने वाली सड़क बह गई है. दोनों जगहों का कनेक्शन टूट गया है. हालात ये हैं कि लोगों के लिए सिर्फ नाव ही एक सहारा है. लोग बाइक भी इन्हीं नावों पर भरकर दूसरी ओर पहुंचा रहे हैं.



पूर्णिया जिले में हालात बेकाबू


उत्तरी बिहार के पूर्णिया जिले में भी बाढ़ से हालात बेकाबू हैं. यहां निचले इलाकों में पानी भरा हुआ है. लोग घरों में फंसे हैं और पानी घटने का इंतजार कर रहे हैं. नदी के किनारे बसे रिहायशी इलाकों में पानी घुस चुका है. रिहायशी इलाकों के लोगों को पीने के पानी और खाने की दिक्कत हो रही है.