पटना: बिहार में बारिश और बाढ़ से सूबे के कुल 38 में से 9 जिलों में लोगों को बुरा हाल है. करीब 10 लाख लोग बारिश और बाढ़ की चपेट में है. कई लोगों की जान जाने की खबर है. बिहार में पिछले एक हफ्ते से लगातार जोरदार बारिश हो रही है और अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की आशंका है. बिहार के कई जिलों में गांव के गांव बाढ़ में डूब गए.


भारी बारिश के बीच सितम ये है कि नेपाल ने 2.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है, जिससे बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है. नेपाल में भी जोरदार बारिश हो रही है जिसका पानी भी बिहार में घुसा है, जिससे हालात और ज्यादा खराब हैं.


बिहार के अररिया, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, पश्चिम चंपराण (बेतिया), पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), दरभंगा और सीतामढ़ी जिले बाढ़ से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं.


बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हवाई दौरा किया है.


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# बिहार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी प्रत्याय अमृत का कहना है कि किशनगंज, अररिया, पुर्णिया और कहिटार बाढ़ से बहुत ज्यादा प्रभावित जिले हैं. इसके अलावा बेतिया और मोतिहारी के भी बहुत सारे इलाके बाढ़ की चपेट में हैं.



प्रत्याय अमृत का कहना है कि NDRF की पांच टीमें किशनगंज में, दो टीमें पुर्णिया और एक टीम अररिया में राहत बचाव का काम कर रही है. इसी तरह SDRF की टीमें भी इन जिलों में पहुंच गई हैं.


अररिया


बिहार के अररिया जिले के दर्जनों गांव तेज बारिश की वजह से बाढ़ की चपेट में हैं. बारिश ऐसी आफत लेकर आई है कि लोगों के घर छिन गए. अररिया में तेज बारिश की वजह से रेल यातायात पर बुरा असर पड़ा है. नॉर्थ ईस्ट जाने वाली सभी ट्रेन रूट ठप पड़े हैं. कटिहार समेत कई स्टेशनों पर इन ट्रेनों को रोककर रखा गया है. कई एक्सप्रेस और पैंसेजर ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है.



किशनगंज


पटना से करीब पौने तीन सौ किलोमीटर दूर किशनगंज में हजारों लोग मुश्किल में हैं. किशनगंज के सात प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं. सबसे ज्यादा बर्बादी दिघलबैंक, कोचाधामन, ठाकुरगंज में हैं. पानी इतना ज्यादा है कि लोग जरूरत का सामना सिर पर ढोकर घर को छोड़ पलायन कर रहे हैं.



नदी में डूबने से एक महिला समेत दो लोगों की यहां मौत हो चुकी है. तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं. यहां पर महानंदा नदी पर बने बांध में दरार दिख रही है. जिसकी वजह से लोग दहशत में हैं. अगर इसी तरह तेज बारिश होती रही तो हालात और खराब हो सकते है. यानी किशनगंज की करीब 10 लाख लोगों की आबादी पर गहरा संकट है.


 दरभंगा


बिहार में दरभंगा के अस्पताल DMCH के वॉर्ड में पानी भर गया है. अस्पताल में बारिश के पानी के बीच ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इतना ही नहीं बारिश से दवाईयां भी बर्बाद हो गई हैं. वहीं, अस्पताल की कई मशीनें पानी की वजह से काम नहीं कर रही हैं. इन हालात में भी इमरजेंसी वाले मरीजों का इलाज करने की कोशिश जारी है.



मोतिहारी


बिहार के मोतिहारी में बाढ़ और बारिश ने बड़े इलाके की सूरत बिगाड़ दी है. पूर्वी चंपारन का मोतिहारी वो इलाका है जो नेपाल के बॉर्डर से सटा है. नेपाल में भारी बारिश से वहां की नदियां उफान पर है और नेपाल की नदियों का पानी यहां बिहार के इलाकों में बाढ़ ला रहा है. मोतिहारी के ढाका, पताही, पकड़ीदयाल, फेनहरा और मधुबन ब्लॉक भारी सैलाब की चेपेट में हैं. इन इलाकों में दर्जनों गांव पानी में डूबे हुए हैं. सड़कें टूट गई हैं और प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिल पा रही है. दरअसल, बुरे हालात की वजह ढाका ब्लॉक के बंजहरा से सपही के बीच 10 किलोमीटर के भीतर ललबकिया नदी बांध के तीन जगहों पर टूटना है. मोतिहारी के रक्सौल में भी बारिश की वजह से कहर बरपा है. उफनते पानी को पार करने के लिए लोगों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है.



सीतमढ़ी और शिवहर 


तेज बारिश की वजह से बिहार के सीतमढ़ी और शिवहर जिले में बाढ़ जैसे हालात हैं. सबसे ज्यादा बुरे हालात सीतमढ़ी के बथनाह प्रखंड की हैं. यहां दर्जनों गांवों में पानी भर गया है और लोगों पलायन करना पड़ रहा है. सीतमढ़ी के सुरसंड का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट गया है. नेशनल हाइवे 104 पर कई फीट पानी जमा हुआ है.