7th edition of Raisina Dialogue: दिल्ली में जारी रायसीना डायलॉग के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इशारों ही इशारों में अफगानिस्तान के बहाने यूरोप के नेताओं को दिखाया दोहरे मापदण्डों पर आईना. यूक्रेन संकट के मामले पर भारतीय रुख पर नॉर्वे और लग्जमबर्ग के विदेशमंत्रीयों की तरफ से आए सवालों पर जयशंकर ने कहा कि भारत का नजरिया साफ है. हम चाहते हैं कि हिंसा पर तुरंत रोक लगाई जाए और समाधान के लिए कूटनीतिक प्रयास किए जाएं.
हालांकि यह समझा जा सकता है कि यूरोप और पश्चिमी देशों के लिए यह सबसे गम्भीर मुद्दा है. मगर हम सभी अपनी अपनी स्थितियों के अनुसार प्राथमिकताएं तय करते हैं. यह समझना होगा कि इससे बाहर भी दुनिया में कई मुद्दे हैं.
यह नहीं भूलना चाहिए कि अफगानिस्तान में जिस तरफ पूरी सिविल सोसाइटी को अपनी हालत पर छोड़ दिया गया उसे भी किसी वैश्विक व्यवस्था के मानक से जस्टिफाई नहीं किया जा सकता. अच्छा है कि आप भारत में बैठ कर बात कर रहे हैं जहां से अन्य मुद्दों को भी देखा जा सकता है. कम से कम हम आपको संकट की स्थिति में व्यापार बढ़ाने की वो सलाह नहीं दे रहे हैं जो हमें दी जाती है.
रायसीना डायलॉग की शुरुआत
रायसीना डायलॉग के सातवें संस्करण की शुरूआत कल यानी 25 अप्रैल से हुआ. इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. कार्यक्रम की शुरूआत शाम 6 से 7 बजे के बीच हुई. दिल्ली के ताज पैलेस होटल में होने वाले इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन थीं. रायसीना डायलॉग की शुरुआत साल 2016 में हई थी और उसके बाद से हर साल इसका आयोजन होता आ रहा है. आयोजन भारतीय विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से किया जाता है.
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