एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

राज की बात: आखिर क्यों दिल्ली नहीं जाना चाहते पुलिस अधिकारी, क्या है इसकी वजह?

डीजी स्तर और एडीजी स्तर के अधिकारी तो दिल्ली आना चाहते हैं लेकिन इसके नीचे के अधिकारी दिल्ली आने से भागते नजर आ रहे हैं. ये आंकड़े बता रहे हैं. लेकिन इसका मुख्य कारण क्या है इस बारे में बात करेंगे राज की बात में

एक समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली आने के लिए प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों में होड़ मची रहती थी. उनके कैरियर में दिल्ली में रहने का तमग़ा एक सितारे की तरह था जो उनके कैरियर में चार चांद लगाता था. साथ ही सुकून और एक बेहतर माहौल के लिहाज़ से भी उनके लिए यह प्रतिष्ठा का विषय होता था. मगर अभी अचानक तस्वीर बदल गई है.

खासतौर से पुलिस सेवा के अधिकारी अब दिल्ली आने के इच्छुक नहीं रहते. ये कोई धारणा नहीं, बल्कि आंकडे़ इसकी गवाही दे रहे हैं. राज्यों से आईजी, डीआईजी और एसपी रैंक के अधिकारियों के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में आने की इच्छा ही नहीं जता रहे हैं. राज की बात तो ये है कि सिर्फ डीजी स्तर के अधिकारी जो रिटायरमेंट के क़रीब हैं वो ज़रूर आना चाहते हैं. साथ ही कुछ हद तक एडीजी स्तर के अधिकारी भी इच्छा जता रहे हैं. मगर इनके नीचे के अधिकारी बिल्कुल नहीं आना चाहते. आख़िर इसका कारण क्या है? दिल्ली की आन-बान-शान वाली अफ़सरी छोड़कर अधिकारी क्यों राज्यों में टिके रहना चाहते हैं? राज की बात में करते हैं इस तथ्य का करते हैं छिद्रान्वेषण, लेकिन उससे पहले देखते हैं कि आख़िर 2020-21 में भारतीय पुलिस सेवा के कितने अधिकारी दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर आए.

मात्र दो अधिकारियों ने दिल्ली आने में दिलचस्पी दिखाई

कुल मिलाकर पूरे देश से मा्त्र 12 पुलिस अधिकारी इस सवाल दिल्ली केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आए. इनमें से चार अधिकारी डीजी रैंक के, चार ही एडीजी स्तर के हैं. मगर जिस रैंक के अधिकारियों यानी आईजी, डीआईजी और एसपी रैंक के अधिकारियों की दिल्ली में सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है, वे बिल्कुल आने के इच्छुक नहीं दिखते. आईजी और डीआईजी स्तर के एक-एक और एसपी रैंक के मात्र दो अधिकारियों ने ही दिल्ली आने में दिलचस्पी दिखाई है. मतलब केंद्र सरकार के मंत्रालयों की बात तो जाने ही दें. अर्धसुरक्षा बलों यानी सीआरपीएफ़, बीएसएफ़, सीआइएसएफ, आईटीबीपी आदि में एसपी और डीआईजी स्तर के अधिकारियों की कमी तक महसूस की जाने लगी है.

इसको अगर आसान भाषा में कहें तो जो अधिकारी रिटायरमेंट के कगार पर हैं, उन्होंने ही दिल्ली आने में दिलचस्पी दिखाई है. बाक़ी जिनका लंबा कैरियर है वे अपने होम काडर को छोड़कर नहीं आना चाहते. जब हमने इसकी पड़ताल की तो राज की बात जो पता चली, उसे सुनकर आप थोड़ा आश्चर्यचकित भी होंगे और आपको हल्का झटका भी लगेगा.

राज की बात में अब बताते हैं कि आख़िर इसके पीछे क्या है राज?

जैसा कि मैंने शुरुआत में ही कहा कि, दिल्ली में प्रतिनियुक्ति की नौकरी सुकून की मानी जाती थी. अच्छी लाइफ़स्टाइल और बच्चों की पढ़ाई के लिहाज़ से अधिकारी यहां आना चाहते हैं. दरअसल, मौजूदा केंद्र सरकार जिस तरह से काम करती है, उसमें जरा भी शिथिलता अधिकारियों को भारी पड़ती है. पीएम मोदी और इस काडर को संचालित करने वाले गृह मंत्री अमित शाह की काम करने की निरंतरता अगर बेजोड़ तो लोगों से उनकी अपेक्षाएं भी वैसी ही होती हैं.

ऐसे में जो अधिकारी आराम की तलाश में यहां आते हैं, उन्हें समझ आता है कि यहां न सिर्फ काम के घंटे ज्यादा हैं, बल्कि जवाबदे्ही भी. नियत समय सीमा पर काम करके देना ही पड़ता है. इसको लेकर कोई मुरव्वत नहीं है. चूंकि पीएम खुद लगातार काम करते हैं, साथ ही हर चीज पर अमित शाह की नज़र रहती है, ऐसे में सुकून और आरामतलबी से नौकरी नहीं चल सकती. इसके अलावा तमाम राज्यों और केंद्र के बीच तनातनी में अधिकारी मोहरा भी बनते हैं और कई बार पिसते भी हैं. इसीलिए जिन आईपीएस अधिकारियों की नौकरी ज्यादा बची है, वे चुपचाप अपने काडर में पड़े रहना चाहते हैं.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

IND vs AUS: पर्थ टेस्ट में टीम इंडिया का दबदबा, यशस्वी-राहुल के दम पर 218 रनों की बढ़त, ऑस्ट्रेलिया के उड़े होश
पर्थ टेस्ट में टीम इंडिया का दबदबा, यशस्वी-राहुल के दम पर 218 रनों की बढ़त
56 लाख फॉलोवर्स वाले एजाज खान को चुनाव में मिले सिर्फ़ 100 वोट, सोशल मीडिया पर उड़ा मजाक
56 लाख फॉलोवर्स वाले एजाज को चुनाव में मिले सिर्फ़ 100 वोट, खूब उड़ा मजाक
Maharashtra Election Result: शिवसेना-एनसीपी में बगावत, एंटी इनकंबेंसी और मुद्दों का अभाव...क्या हिंदुत्व के सहारे महाराष्ट्र में खिल रहा कमल?
शिवसेना-एनसीपी में बगावत, एंटी इनकंबेंसी और मुद्दों का अभाव...क्या हिंदुत्व के सहारे महाराष्ट्र में खिल रहा कमल?
Maharashtra Assembly Election Results 2024: शिंदे की सेना या उद्धव ठाकरे गुट, चाचा या भतीजा और बीजेपी कांग्रेस... कौन किस पर भारी, जानें सारी पार्टियों का स्ट्राइक रेट
शिंदे की सेना या उद्धव ठाकरे गुट, चाचा या भतीजा और बीजेपी कांग्रेस... कौन किस पर भारी, जानें सारी पार्टियों का स्ट्राइक रेट
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra Election Result : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को बहुमत | BJP | CongressIPO ALERT: Rajesh Power Services IPO में जानें Price Band, GMP & Full Review | Paisa LiveAssembly Election Results: देवेंद्र फडणवीस ने जीत के बाद क्या कहा? Devendra Fadnavis | BreakingMaharashtra Election Result : विधानसभा चुनाव के रुझानों पर महाराष्ट्र में हलचल तेज!

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
IND vs AUS: पर्थ टेस्ट में टीम इंडिया का दबदबा, यशस्वी-राहुल के दम पर 218 रनों की बढ़त, ऑस्ट्रेलिया के उड़े होश
पर्थ टेस्ट में टीम इंडिया का दबदबा, यशस्वी-राहुल के दम पर 218 रनों की बढ़त
56 लाख फॉलोवर्स वाले एजाज खान को चुनाव में मिले सिर्फ़ 100 वोट, सोशल मीडिया पर उड़ा मजाक
56 लाख फॉलोवर्स वाले एजाज को चुनाव में मिले सिर्फ़ 100 वोट, खूब उड़ा मजाक
Maharashtra Election Result: शिवसेना-एनसीपी में बगावत, एंटी इनकंबेंसी और मुद्दों का अभाव...क्या हिंदुत्व के सहारे महाराष्ट्र में खिल रहा कमल?
शिवसेना-एनसीपी में बगावत, एंटी इनकंबेंसी और मुद्दों का अभाव...क्या हिंदुत्व के सहारे महाराष्ट्र में खिल रहा कमल?
Maharashtra Assembly Election Results 2024: शिंदे की सेना या उद्धव ठाकरे गुट, चाचा या भतीजा और बीजेपी कांग्रेस... कौन किस पर भारी, जानें सारी पार्टियों का स्ट्राइक रेट
शिंदे की सेना या उद्धव ठाकरे गुट, चाचा या भतीजा और बीजेपी कांग्रेस... कौन किस पर भारी, जानें सारी पार्टियों का स्ट्राइक रेट
Housing Prices: रेसिडेंशियल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का निर्माण हो गया 39 फीसदी महंगा, ये है इसकी बड़ी वजह!
रेसिडेंशियल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का निर्माण हो गया 39 फीसदी महंगा, ये है इसकी बड़ी वजह!
शादी में क्यों नाराज हो जाते हैं फूफा, क्या आपने कभी पता किया इसका कारण?
शादी में क्यों नाराज हो जाते हैं फूफा, क्या आपने कभी पता किया इसका कारण?
महाराष्ट्र में हिंदुत्व का बिग बॉस कौन? आंकड़े गवाही दे रहे कि बीजेपी के सामने अब कोई नहीं है टक्कर में
महाराष्ट्र में हिंदुत्व का बिग बॉस कौन? आंकड़े गवाही दे रहे कि बीजेपी के सामने अब कोई नहीं है टक्कर में
महाराष्ट्र में करोड़ों महिलाओं को मिलेगा BJP की जीत का फायदा, जानें कितना बढ़ सकता है लाडली बहन योजना का पैसा
महाराष्ट्र में करोड़ों महिलाओं को मिलेगा BJP की जीत का फायदा, जानें कितना बढ़ सकता है लाडली बहन योजना का पैसा
Embed widget