(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
राज की बातः वाहन कंपनियों पर है हैकिंग का खतरा, सरकार ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर को चेताया
Raj Ki Baat: आशंका इस बात की जताई जा रही है कि ऑटोमोबाइल पार्ट्स के जरिए आने वाले वक्त में गाड़ी को हैक करके पूरे सिस्टम को मनमुताबिक चलाया या डाउन किया जा सकता है.
Raj Ki Baat: आज के दौर में गाड़ियां केवल चलती का नाम नहीं रही हैं. आज के दौर में गाड़ियां शान-ओ-शौकत, कंफर्ट और रफ्तार के साथ ही साथ ऑटो मोड और आर्टफिशियल इंटेलिजेंस का शानदार कॉम्बिनेशन बन चुकी हैं. मतलब ये हुआ कि गाड़िया आज के दौर में केवल सफर ही नहीं सुहाने सफर वाले सपने को पूरा कर रही हैं. यकीनन आपको भी ऐसी गाड़ियां पसंद होंगी जो दमदार तकनीक से लैस हों. यकीनन आपको ऐसी गाड़ियां पसंद होंगी जिसके अधिकतर फंक्शन ऑटोमेटिक हों, इंटरनेट से गाड़ी लोडेड हो और आपको कार के अंदर राजशाही आनंद का एहसास हो सके.
अब आप सोच रहे होंगे की बदलती दुनिया के साथ बदलती गाड़ियों का संबंध राज की बात से क्या है. तो हम आपको बताना चाहते हैं कि संबंध है और वो ऐसा संबंध है जिससे आपको भी कम से कम जागरुक रहने की जरूरत तो है... और जो कंपनिया आपके लिए ये आलीशान गाड़ियां बनाती हैं उन्हें केंद्र सरकार ने सावधान कर दिया है.
सिक्योरिटी ऑडिट करवाएं
जी हां, सही सुना आपने. राज की बात ये है कि अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस गाड़ियों को हैक कर लेने के खतरे की आशंका के बाद मिनिस्ट्री और रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज ने ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्टरर्रस को सिक्योरिटी ऑडिट करवाने को कह दिया है.
अब चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि ये खतरा है क्या, कहां से आने की आशंका है और किसने सड़क और परिवहन मंत्रलाय को इस बात की जानकारी दी. सबसे पहले खतरे की बात करते हैं. जानकारी के मुताबिक आटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्रस गाड़ियों को निर्माण के लिए कई तरह के कलपुर्जों को चीन से आयात करते हैं क्योंकि दुनिया भर की अपेक्षा ये चीन में सस्ते मिल जाते हैं.
हालांकि, भारत में चीन से आयात होने वाले इन पार्ट्स की संख्या दुनिया के अन्य देशों को मुताबिक काफी कम है. लेकिन खतरा तो खतरा ही होता है. इस बात का मतलब ये भी हुआ कि गाड़ियों की हैकिंग का खतरा केवल भारत पर ही नहीं बल्कि दुनिया भर के देशों पर मंडरा रहा है
हैकिंग से इंकार नहीं
चूंकि चीन की चालबाजियों से हर कोई वाकिफ है ऐसे में आशंका होते ही अलर्ट रहने की सूचना ऑटोमोबाइल कंपनयों को दे दी गई है. खास तौर से भारत को लेकर जो हरकतें चीन करता रहता है उससे भविष्य में हैकिंग की कोशिश हो इससे इनकार नहीं किया जा सकता.
राज की बात ये है कि इस खतरे की पहली जानकारी CERT-in सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को दी. खतरे का अलर्ट मिलते ही मंत्रलाय ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़े संस्थानों को सुरक्षा मानको को और मजबूत करने का सुझाव भेज दिया. NIC, NHAI, NHIDL, स्टेट पी.डब्ल्यू डी, टेस्टिंग एजेंसी और आटोमोबाइल कंपनियों को ऑडिट रिपोर्ट और एटीआर को समयबद्ध तरीके से मंत्रालय में जमा करने का आदेश दिया गया है.
मतलब साफ है कि आटोमोबाइल कंपनियों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है और ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री से जुड़ी हर एजेंसी को. जिस तरह से सतर्कता और सिक्योरिटी के आदेश मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए हैं उससे समझा जा सकता है कि मामला गंभीर है. हालंकि वक्त रहते आशंका सामने आने के बाद भविष्य में ऐसे किसी हैकिंग का तोड़ निकालने की तैयारी शुरु हो गई है. आप जागरुक रहिए, सरकार आपकी गाड़ियों को रुकने नहीं देगी.
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