Raj Thackeray Pune Rally: पुणे की रैली में राज ठाकरे ने बताया क्यों रद्द हुआ अयोध्या का दौरा, कहा - कई लोगों को हुई खुशी
Raj Thackeray Pune Rally: अयोध्या दौरा रद्द होने को लेकर राज ठाकरे ने कहा कि, मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है. डॉक्टरों ने सलाह दी है कि मैं लंबी यात्रा ना करूं.
Raj Thackeray Pune Rally: महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे ने पुणे में एक बड़ी रैली को संबोधित किया. औरंगाबाद के बाद ये उनकी दूसरी रैली है. इस रैली में राज ठाकरे ने बताया कि आखिर क्यों उनका अयोध्या दौरा रद्द किया गया. उन्होंने इस दौरान कहा कि, अगर मैं अयोध्या जाता तो मेरे खिलाफ कई केस दर्ज किए जाते. मैं रामलला के दर्शन करना चाहता था, लेकिन तबीयत ठीक नहीं होने के चलते ऐसा नहीं हो पाया.
राज ठाकरे ने कहा कि, मुझे आज भी याद है, जिस वक्त उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह की सरकार थी, उस वक़्त कार सेवकों को जान से मारा गया. मुझे बाद में समझ मे आया कि ये सब ट्रैप था. अगर मैं अयोध्या जाता तो निश्चित ही मेरे साथ मेरे हजारों मन सैनिक मेरे साथ अयोध्या आते फिर सब कार्यकर्ताओं पर केस किया जाता. मुझे गाली मिलेगी चलेगा, मेरे ऊपर टिप्पणी की जाएगी चेलेगा लेकिन मैं अपने मैं कार्यकर्ताओं को तो नहीं फंसने दूंगा.
अपने मन से लगाए जा रहे हैं कयास - ठाकरे
अयोध्या दौरा रद्द होने को लेकर राज ठाकरे ने कहा कि, मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है. मेरी कमर में कुछ तकलीफ हो रही है. मैं मुंबई गया और इसकी जांच करवाई, डॉक्टरों ने सलाह दी है कि मैं लंबी यात्रा ना करूं. कई पत्रकार अपने मन से कयास लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि, अयोध्या दौरा कुछ समय के लि स्थगित किया गया है. इस फैसले से कुछ लोगों को दुख हुआ और कुछ लोग खुश हो गए. आज मैं महाराष्ट्र के सामने अपना पक्ष रखूंगा.
राज ठाकरे ने इस दौरान नवनीत राणा की गिरफ्तारी का भी जिक्र किया. जिसमें उन्होंने कहा कि, उद्धव ठाकरे सरकार ने राणा दंपत्ति को सताने का काम किया. मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने में क्या दिक्कत है? क्या मातोश्री कोई मस्जिद है जो वहां हनुमान चालीसा नहीं पढ़ी जा सकती है. नवनीत राणा के साथ संजय राउत की फोटो सिर्फ एक ढ़ोंग है.
उत्तर भारतीयों के अपमान पर दिया जवाब
पुणे की रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि, क्या शिवसेना ये तय करेगी कि असली और नकली हिंदुत्व क्या है. उत्तर भारतीयों के अपमान के आरोप पर उन्होंने कहा कि, हमारा आंदोलन इसलिए था कि लोगों को अपने राज्य में ही नौकरी मिले. अब हमसे माफी मांगने की बात क्यों कही जा रही है. हमने पाकिस्तानी कलाकारों को मुंबई से बाहर निकालने का काम किया. आपने कौन सा आंदोलन किया?
बीजेपी सांसद ब्रजभूषण के सवाल पर जवाब देते हुए राज ठाकरे ने आगे कहा कि, अगर विषय माफी मांगने का ही है तो, गुजरात में अल्पेश ठाकुर नाम का एक व्यक्ति है. साल 2017 में यूपी बिहार से प्रवासी मजदूर जो मजदूरी करने के लिए गुजरात गए थे. उन्हीं में से किसी ने एक बच्ची का बलात्कार किया. उसके बाद सूरत में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को मारा गया. लगभग 15000 उत्तर भारतीय गुजरात छोड़कर मुंबई आए. मुंबई तो ऐसा ही है कि, "आओ जाओ घर तुम्हारा" फिर उत्तर प्रदेश गए. उत्तर प्रदेश में उनको मारा गया. गुजरात से निकला गया. उन लोगों से कौन माफी मांगने के लिए कहेगा. इसीलिए यह सब राजनीति है.
छात्रों से मारपीट पर भी दिया जवाब
महाराष्ट्र में रेलवे भर्ती और छात्रों के साथ मारपीट को लेकर राज ठाकरे ने कहा कि, रेलवे की भर्ती महाराष्ट्र में निकली थी. न्यूज चैनल के माध्यम से मैंने देखा कि, हजारों की संख्या में दूसरे राज्यों से बच्चे परीक्षा देने के लिए पहुंचे हैं. मैंने अपने लोगों को कहा कि जाकर बच्चों से पूछो कि वो लोग इतनी बडी संख्या में यहां क्यों आए हैं. मेरे लोगों ने उन लोगों से बातचीत की, लेकिन इस दौरान वहां आए हुए छात्रों में से एक ने कार्यकर्ताओं के साथ गाली गलौच शुरू कर दिया. रेलवे भर्ती महाराष्ट्र में थी, महाराष्ट्र के बच्चों के लिए थी, लेकिन किसी भी स्थानीय अखबार में वो खबर नहीं थी. भर्ती महाराष्ट्र बच्चों के लिए थी, लेकिन उसका प्रचार उत्तर प्रदेश और बिहार के अखबारों में किया गया. ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं तब उन्होंने यह निर्णय लिया कि रेलवे की परीक्षा स्थानीय भाषा में ली जाएगी और ठीक उसके बाद महाराष्ट्र के हजारों बेरोजगार युवाओं को रेलवे में नौकरी मिली. मैंने आंदोलन किया उसके बाद ये निर्णय लिया गया था. ये उन लोगों को जवाब है जो कहते हैं कि राज ठाकरे आंदोलन को बीच मे ही छोड़ दे देते हैं.
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