महाराष्ट्र में इस समय प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां हैं. इसी क्रम में महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी वार पलटवार काफी तेजी से चल रहे हैं. राज ठाकरे ने प्रेस कान्फ्रेंस कर विरोधियों ने आरोप लगाया है कि मनसे अध्यक्ष दो वर्ष पहले ईडी की नोटिस के बाद से बीजेपी के प्रति अपने रुख को नरम रखे हुए हैं. विपक्ष के इसी आरोप का जवाव राज ठाकरे ने दिया है.
राज ठाकरे ने कहा कि आईएलएंडएफएस (IL&FS) कंपनी मामले में जांच हो रही थी. जिनके साथ कोहिनूर नाम की कंपनी के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन थे. और मैं उस वक्त 1 साल के लिए कोहिनूर कंपनी में डायरेक्टर था इसलिए मुझे वहां पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
जरूरत पड़ने पर करूंगा मोदी की आलोचना
ठाकरे ने कहा कि जब एनसीपी अध्यक्ष को ईडी की नोटिस मिला था तो उन्होंने बहुत नाटक किया था. मैंने सबसे पहले नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनने की बात कही थी. ठाकरे ने कहा कि जब मोदी सरकार ने कश्मीर में 370 हटाया तो मैंने उनका सबसे पहले अभिनंदन किया था. वहीं जब उनकी (नरेंद्र मोदी) आलोचना करने की जरूरत पड़ेगी तो मैं सबसे पहले उनकी आलोचना करूंगा.
ठाकरे ने मीडिया के जरिए पीएम मोदी को संबोधित करते हुए विनती करते हुए कहा कि वह समान नागरिक कानून और जनसंख्या नियंत्रण कानून देश में लागू करें. वहीं ईडी के दुरूपयोग पर ठाकरे ने पूछा कि एक ही घर में रहकर अजित पवार की बहन के घर पर रेड होती है लेकिन आपके सुप्रीया सुले के घर पर ED की रेड नहीं पड़ती है तो क्या मुझको इसका जवाब सुप्रिया सुले देंगी क्या ?
मस्जिद से हट जाने चाहिए लाउड स्पीकर
ठाकरे ने मस्जिद पर लगने वाले लाउड स्पीकर के बारे में कहा है कि यह मुद्दा मैंने कोई गुढ़ी पड़वा की रैली में नहीं उठाया है मैं इसके पहले भी कई बार कह चुका हूं लेकिन यह अजित पवार को नहीं सुनाई दिया है तो मैं क्या कर सकता हूं.
ठाकरे ने कहा कि मस्जिद के बाहर यदि लाउडस्पीकर नहीं हटाए गये तो हम हनुमान चालीसा पढ़ने लग जाएंगे यहां पर सौहार्द बिगाड़ने का काम हम नहीं कर रहे हैं. ठाकरे ने कहा कि 3 मई तक राज्य की सभी मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर हट जाना चाहिए. राज्य सरकार को चाहिए कि वह मौलवियों से बात करके इस विषय पर फैसला ले.