पुणे: पुणे के बीएमसीसी ग्राउंड में महाराष्ट्र के दो दिग्गज नेता एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और एमएनएस चीफ राज ठाकरे 11 साल बाद एक ही मंच पर आमने-सामने दिखे. विश्व मराठी अकादमी के इस कार्यक्रम के दौरान राजनीति में 50 साल पूरे करने वाले शरद पवार को सम्मानित किया गया.


हालांकि कार्यक्रम में जिस तरह महाराष्ट्र के विपक्षी दल एनसीपी और एमएनएस के शीर्ष नेताओं ने मिलकर पीएम मोदी को घेरने की कोशिश की उसे देखकर महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण में जल्द ही एक बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है.


इस कार्यक्रम में खास बात ये रही कि राज ठाकरे ने एक पत्रकार की तरह शरद पवार का इंटरव्यू लिया और देश और महाराष्ट्र के मुद्दे पर तमाम बात की. इस इंटरव्यू के दौरान दोनों के बीच बेहद रोचक बातें हुईं और मोदी सरकार को घेरते हुए सरकार के ऊपर सवाल भी उठाए गए.


पढ़िए पूरे इंटरव्यू को...


राज ठाकरे- क्या मोदी जी मनमोहन सिंह से ज्यादा चुप लगते हैं?
शरद पवार- नहीं, मनमोहन सिंह निर्णय लेते थे


राज ठाकरे- नोटबंदी पर सवाल
शरद पवार- महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक में तमाम सहकारी बैंक हैं. इन सहकारी बैंको में सामान्य लोगों को खाते हैं और वहां उनके पैसे जमा हैं. लेकिन सहकारी बैंको में जमा पैसों को बदला नहीं गया. उसके बारे में हमने तीन बार पार्लियामेंट में बात उठाई. लेकिन कोई जवाब नहीं आया.


राज ठाकरे- बुलेट ट्रेन से अहमदाबाद क्या ढोकला खाने जाएंगे?
शरद पवार- हमने कभी बुलेट ट्रेन का विरोध नहीं किया. लेकिन हमारा कहना है कि बुलेट ट्रेन दिल्ली से मुंबई चलाओ. आपने सवाल किया की बुलेट ट्रेन से अहमदाबाद क्या ढोकला खाने जाएंगे, मेरा कहना है कि मुंबई से बुलेट ट्रेन से कोई नहीं जाएगा बल्कि अहमदाबाद से लोग यहां आएंगे.


राज ठाकरे- गुजराती भाषा पर सवाल
शरद पवार- मैं गुजराती भाषा का विरोध नहीं करता. यूपी बिहार से मजदूर वर्ग के लोग मजदूरी करने यहां ज्यादा आते हैं और रहते हैं. लेकिन उसी इलाके में गुजराती लोग जो आते हैं वो मजदूरी करने नहीं आते वो पैसा कमाने आते हैं. महाराष्ट्र आर्थिक लाभ के लिए सबसे योग्य जगह है। इस वजह से हमें सचेत रहने की जरूरत है.


5 हजार लोगों के सामने हुए इस ओपन इंटरव्यू में शरद पवार ने मोदी सरकार की कई नीतियों की जमकर आलोचना की.


कल तक एक दूसरे के विरोधी रहे ये दो नेता अब एक मंच पर हैं तो दूसरी तरफ शिवसेना पहले ही अगले चुनाव में बीजेपी के साथ चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर चुकी है. ऐसे में आने वाले समय में बीजेपी के लिए महाराष्ट्र के साथ-साथ 2019 की लोकसभा चुनाव में मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है.