मुंबई: 2006 में शिवसेना से अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) बनाने वाले राज ठाकरे प्रदेश की राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं. शिवसेना का कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन की सरकार बनाने से अभी स्पेस खाली है और इसी खाली स्पेस को पूरा करने के लिए राज ठाकरे कई तरह के उत्तेजक बयान दे रहे हैं. इसी कड़ी में राज ठाकरे ने अवैध घुसपैठियों पर हल्लाबोल दिया है.
शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे की गुरुवार को 94वीं जयंती थी. इस मौके पर आयोजित महाअधिवेशन में राज ठाकरे ने 9 फरवरी को रैली करने का एलान किया. उन्होंने बताया कि रैली के जरिए घुसपैठियों को बाहर किया जाएगा. अपने मंसूबे का खुलासा करते हुए ठाकरे ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने के लिए मुंबई में रैली होगी. कार्यक्रम में मौजूद लोगों से उन्होंने कहा, “नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर बहस हो सकती है, लेकिन हम किसी अवैध रूप से भारत में घुस आए शख्स को शरण क्यों दें ?"
दूसरे देशों में मौलवी के जाने पर उठाया सवाल
उन्होंने घुसपैठ को समस्या बताते हुए गृह राज्यमंत्री या मुख्यमंत्री से मिलने की बात कही. ठाकरे ने भारत के मुस्लिम मौलवियों के दूसरे देशों में जाने पर भी सवाल उठाया. उन्होंने पूछा कि जब ये लोग वहां जाते हैं तो किसी को नहीं पता कि क्या करते हैं. जबकि पुलिस भी वहां नहीं जा सकती.
ठाकरे ने चेताया, “मैं मराठी हूं और हिंदू भी. मैंने अपना धर्म नहीं बदला है. मेरे अंदर के मराठी और हिंदू को छेड़ने की कोशिश की गई तो दोनों तरीके से विरोधी के पीछे पड़ना आता है." उन्होंने ये भी कहा कि भारत धर्मशाला नहीं है और ना ही इसने किसी का ठेका ले रखा है. प्रदेश की राजनीति में हमने नया सहयोगी ढूंढ लिया है, लेकिन अपना भगवा रंग नहीं बदला.
दिलचस्प है कि राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का इंजन अब हिंदुत्व के ट्रैक पर दौड़ेगी. राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के नए झंडे के अनावरण करके पार्टी कई नई दिशा और विचारधारा के साफ संकेत दिए. अपनी पार्टी के पुराने झंडे के तीन रंगों को बदलते हुए राज ठाकरे ने अपने पार्टी के नए झंडे में केवल एक रंग भगवा रखा. यानि राज ठाकरे अब अपने चाचा बालासाहेब ठाकरे की ही तरह मराठी के मुद्दे को लेकर हिंदुत्व की झंडा हाथ में लेने जा रहे हैं.
इसी अधिवेशन में राज ठाकरे ने अपने बेटे अमित राज ठाकरे को लॉंच किया. यानि आदित्य ठाकरे के बाद अब ठाकरे परिवार की तीसरी पीढ़ी के युवराज अमित राज ठाकरे अब सक्रिय राजनीति में सक्रिय होंगे.
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