Raja Bhaiya: उत्तर प्रदेश के कुंडा से बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पिछले कुछ हफ्तों से लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. इसकी वजह ये है कि बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों ही दलों ने उनसे पूर्वांचल की सीटों पर समर्थन मांगा. मगर राजा भैया ने साफ कर दिया कि वह किसी भी दल को समर्थन नहीं करने वाले हैं. हालांकि, पिछले दो दिनों में उन्होंने दो ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे चर्चा होने लगी है कि वह इस चुनाव में सपा के साथ खड़े होने वाले हैं.
दरअसल, गुरुवार (16 मई) को खबर आई कि राजा भैया के निर्देश पर समाजवादी पार्टी के नेता इंद्रजीत सरोज के खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा वापस लिया जाएगा. राजा भैया ने मुकदमा वापस लेने के संबंध में अपने अधिवक्ता को निर्देश दिया है. इससे एक दिन पहले एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया था कि भले ही राजा भैया ने मंच से सपा को चुनावी समर्थन देने से इनकार किया है, लेकिन समर्थकों को पार्टी के साथ खड़े होने का आदेश दे दिया गया है.
किस मामले में राजा भैया वापस लेंगे केस?
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज ने राजा भैया को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस बयान से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया के समर्थकों में काफी ज्यादा गुस्सा था. राजा भैया के कानूनी सलाहकार हनुमान प्रसाद पांडेय ने इंद्रजीत सरोज के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाखिल किया था. हालांकि, अब राजा भैया के निर्देश पर उनके अधिवक्ता इंद्रजीत सरोज के खिलाफ मानहानि का मुकदमा वापस लेंगे.
कैसे बदला राजा भैया का दिल?
दरअसल, इस बार समाजवादी पार्टी ने इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज को कौशांबी से टिकट दिया है. सोमवार शाम पिता-बेटे ने राजा भैया से मुलाकात की थी. इस दौरान उनसे समर्थन मांगते हुए पुराने गिले-शिकवे भूलने का निवेदन किया था. इस मुलाकात का नतीजा ये निकला कि राजा भैया ने अब मुकदमा वापस लेने का फैसला किया है. लंदन से पढ़कर लौटे 25 साल के पुष्पेंद्र कौशांबी से मैदान में हैं. यहां पर राजा भैया अच्छा खासा प्रभाव है. इससे पहले, सूत्रों ने बताया था कि राजा भैया ने समर्थकों से कौशांबी, प्रतापगढ़ और इलाहाबाद सीटों के लिए समाजवादी पार्टी को समर्थन करने के लिए कहा है.
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