जयपुर: राजस्थान के बारां जिले में सोशल डिस्टेसिंग और लॉकडाउन की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं. प्रशासन के दावों की पोल खुल रही है. सोमवार से बारां के आधा दर्जन कस्बों में कृषि उपज मंडी खोली गई, जिसमें लॉकडाउन की धज्जियां उड़ती नज़र आई. कृषि उपज मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रहा है. साथ ही मास्क लगाने के आदेश भी नहीं माने जा रहे हैं. सरकार के निर्देश के बाद प्रशासन द्वारा गुरूवार से समर्थन मूल्य पर गेहूं सरसों की खरीद शुरू होने वाली है. ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण का और बड़ा खतरा मंडरा रहा है.


किसानों की परेशानी को देखते हुए बारां में कृषि जिंसों की खरीद सोमवार से शुरू हो गई. लेकिन मंडी में आ रही किसानों की भीड़ और व्यापारी, हम्मालों के जमघट के कारण सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो रहा है. ना ही लॉकडाउन का पालना हो रहा है. दूसरी ओर कल से जिले भर में एक दर्जन जगह पर राज्य सरकार समर्थन मुल्य पर गेहूं ओर सरसों की खरीद शुरू करने जा रही है. ऐसे में जिले में समर्थन मूल्य खरीद केन्द्रों पर सोशल डिस्टेसिंग और लॉकडाउन की पालन होना असंभव सा है.



वहीं, दूसरी ओर थोक फल सब्जी मंडी के हालात जिला प्रशासन की सारी व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आते हैं. यहां के हालात संक्रमण को खुला आमंत्रण दे रहे हैं. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि यहां पर न तो प्रशासन के लोग हैं और न ही पुलिस. किसी का भी इन लोगों पर अंकुश नहीं है.


बारां शहर में स्थित थोक की सब्जी मंडी में रात को 12 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक सैंकड़ों की तादाद में लोग बिना मास्क लगाए बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए खरीद-फरोख्त में मशगूल रहते हैं. रोजाना ऐसे ही हालात यहां सब्जी मंडी में देखने को मिल रहे हैं. थोक फल सब्जी मंडी में रात को 1 बजे बाद से ही गाड़ियां आना शुरू हो जाती हैं. सबसे अधिक कोटा से माल आता है. वहीं बारां थोक फल सब्जी मंडी में खरीदी के लिए अंता, मांगरो, केलवाड़ा समेत कई कस्बों के सब्जी व फल व्यापारी यहां पर खरीद करने आते हैं. यही नहीं यहां से मध्य प्रदेश के शिवपुरी तक माल जाता है. रोज रात ऐसें ही हालात देखने को मिलते हैं. किसी के भी चेहरे पर मास्क नजर नहीं आ रहे थे. वहीं, भीड़ बाढ़ के मध्य व्यापारी खरीद-फरोख्त में मशगूल थे.


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