नई दिल्ली: चुनावी समर में राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है. हिंदूवादी संगठन, आरएसएस, वीएचपी और शिवसेना लगातार सरकार से कानून लाए जाने की मांग कर रही है. इस बीच केंद्रीय कानून मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम 'राजस्थान शिखर सम्मेलन' में कहा कि अयोध्या में मर्यादा के दायरे में रहकर भव्य राम मंदिर बनेगा.
वहीं एक अन्य केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 'शिखर सम्मेलन' कार्यक्रम में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर तो 1992 में ही बन चुका है, बस उसका भव्य स्वरूप में आना बाक़ी है. हर रोज हज़ारों लोग दर्शन कर रहे हैं. राम मंदिर पर कानून लाने को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री ने कहा, ''थोड़ा इंतजार कीजिए होता है क्या? मंदिर भव्य बनकर रहेगा.''
सरकार पर दबाव
इस बीच विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने कहा है कि सरकार को अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाने में वैसी ही तत्परता दिखानी चाहिए जैसा उसने एससी/एसटी (अत्याचार रोकथाम) कानून में संशोधन के लिए किया. वीएचपी के नेता आलोक कुमार ने यह भी कहा कि राम मंदिर बनाने के लिए संसद में इसे मंजूर करवाना ही एकमात्र विकल्प है.
Rajasthan Shikhar Sammelan: राम मंदिर 1992 में ही बन चुका है, बस भव्य बनना बाकी है- प्रकाश जावड़ेकर
संगठन के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि वीएचपी मंदिर निर्माण के लिए कानून की मांग को लेकर यहां राम लीला मैदान में विशाल रैली आयोजित करेगी. यह रैली संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के दो दिन पहले नौ नवंबर को होगी. कुमार ने उम्मीद जतायी कि बीजेपी नीत एनडीए सरकार शीतकालीन सत्र में विधेयक लाएगी.
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उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘उन्होंने (बीजेपी) 1992 के राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी और मंदिर निर्माण पार्टी के घोषणापत्र में है. मुझे उम्मीद है कि सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में कानून लाएगी.’’
और क्या बोले रविशंकर प्रसाद?
राम मंदिर के मुद्दे पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राम मंदिर अयोध्या में नहीं तो कहां बनेगा. हमने कोशिश की थी कि रामलला के केस को कोर्ट को से बाहर सुलझाया जा सके. अगर इस देश के आम मुसलमानों से पूछा जाए तो बड़ी संख्या में वो लोग कहेंगे कि अयोध्या प्रभु राम की स्थली है. हम प्रभु राम के मुद्दे को चुनाव से नहीं जोड़ते लेकिन कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में क्यों कहा कि 2019 से पहले इस मामले की सुनवाई न हो. क्योंकि कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति करना चाहती है और वो इसे चुनावी मुद्दा साबित करना चाहती है.