नई दिल्ली: राजस्थान के रण में सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने है. मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए खूब जुबानी जंग हो रही है. बीजेपी ने इस बार भी वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया है. लेकिन कांग्रेस ने इसकी घोषणा नहीं की है. बड़ा सवाल है कि अगर पार्टी चुनाव जीत जाती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा? आम राय है कि कांग्रेस गुटबाजी से बचने के लिए मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान नहीं कर रही है. हालांकि पार्टी गुटबाजी से इनकार करती रही है.
एक प्रेस कांफ्रेंस में जब कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सचिन पायलट से पूछा गया कि सत्ता में आने पर कांग्रेस का मुख्यमंत्री कौन होगा? जिसपर पायलट बचते नजर आए. उन्होंने कहा, "मैं और गहलोत दोनों ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस राज्य की सत्ता में आएगी." पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रह चुके पायलट ने अशोक गहलोत के साथ मतभेदों की खबरों को खारिज कर दिया.
अशोक गहलोत दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर कहा, "आजादी के बाद से कांग्रेस पार्टी में परंपरा रही है कि वह राज्यों में मुख्यमंत्री के चेहरे को नाम नहीं देती है. हम उस विरासत को गर्व से आगे ले जा रहे हैं."
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कांग्रेस ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों को 7 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में उतारने का फैसला किया है. जिसके बाद से मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें और तेज हो गई है. बीजेपी मुख्यमंत्री पद को भी मुद्दा बना रही है. पार्टी का कहना है कि कांग्रेस पहले ये बताए की मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है?
गहलोत जोधपुर के सरदारपुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं. वह फिलहाल इसी विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वहीं पायलट कहां से लड़ेंगे इसपर फैसला नहीं हुआ है. आज सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी फैसला करेगी कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे. जल्द ही उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी.
200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के चुनाव के लिए सात दिसंबर को मतदान होना है. नतीजों की घोषणा 11 दिसंबर को की जाएगी. राज्य में फिलहाल बीजेपी सत्ता में है और वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री हैं.
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