Rajasthan Assembly Election 2023: जातियों में बटे राजस्थान में पहली बार जातिवादी राजनीति के खिलाफ संतो ने हुंकार भर दी है. संतों ने राजस्थान में भी यूपी की तरह योगी मॉडल लागू किए जाने की वकालत की. जन स्वाभिमान मंच के संयोजक समताराम महाराज ने कहा कि जैसे उत्तर प्रदेश में एक संत योगी आदित्यनाथ ने गुंडाराज खत्म किया वैसे ही एक और संत आ गया है जो राजस्थान की राजनीति से जातिवाद और जातिवादी राजनीति को चुनौती देता है. राजस्थान विधानसभा चुनाव में जातिवादी राजनीति के खिलाफ देश के 20 बड़े संतो और 36 बिरादरी के सामाजिक संगठनों ने जात-पात से ऊपर उठकर नए राजस्थान का सृजन करने का आह्वान किया.
अजमेर के कायड़ विश्राम स्थली मैदान में जन स्वाभिमान मंच के बैनर तले राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव में जाति की राजनीति करने वालों को सबक सिखाने के लिए राज्यभार से अलग जिलों से करीब सवा लाख लोग इकट्ठा हुए. बड़ी बात ये है कि इस आयोजन में न किसी राजनेता को बुलाया गया और न ही किसी राजनैतिक पार्टी का सहयोग लिया गया. जन स्वाभिमान मंच के संयोजक राज ऋषि समता राम महाराज ने मंच से बोलते हुए कहा की जिस तरह से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यराज ने गुंडाराज का खात्मा किया है, वैसे ही अब राजस्थान में भी एक और संत आ गया है, जो जातिवाद और जातिवादी नेताओं को चुनौती देता है.
'आरक्षण का वर्गीकरण आज सबसे बड़ी जरूरत'
समता राम महाराज ने कहा कि मुझे चुनाव नहीं लड़ना, लेकिन राजस्थान की राजनैतिक हालातों को लेकर मेरे मन में एक पीड़ा है. आज राजस्थान में हर तरफ एक विशेष जाति संसाधनों और नौकरियों पर एक तरफा कब्जा जमाए हुए है. मूल ओबीसी को उसके आरक्षण का जायज लाभ नहीं मिल पा रहा है, मूल ओबीसी के अधिकार सुरक्षित हो सके, इसके लिए आरक्षण का वर्गीकरण आज सबसे बड़ी जरूरत है. साथ ही प्रदेश में दलितों पर एक दंबग जाति द्वारा आये दिन अत्याचार किए जा रहे हैं.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यवसायी और समाजसेवी मेघराज सिंह रॉयल ने आरक्षण को लेकर मंच से कहा की जिन आरक्षित लोगों को इसका फायदा मिल चुका है, वे जिस तरह से सक्षम लोगों ने प्रधानमंत्री के आह्वान पर गैस सब्सिडी छोड़ी, वैसे ही आरक्षण भी छोड़े. इन चुनावों में संगठित होकर वोट की चोट देने का आह्वान किया. रॉयल ने कहा कि देश की आजादी के 76 साल होने के बाद भी डांगावास, राणासर जैसी घटनाएं हो रही है. जाति विशेष के लोग इन घटनाओं को अंजाम दे रहे है और मूल ओबीसी के हक को मार रहे हैं. ऐसे नेताओं को इन चुनावों में सबक सिखाना होगा. साथ ही मूल ओबीसी के वर्गीकरण की भी आवश्यकता है.
कार्यक्रम में मंच पर ऋषिकेश से आएं अरूणगिरी महामंडलेश्वर, स्वामी रामभजन दास महाराज, महंत मंगलनाथ, महामंडलेश्वर नंदगिरी नसीराबाद,सागर बापु कबीर आश्रम पुष्कर, जैन संत अरविंद मुनि, सिंधी साध्वी अनादि सरस्वती, कृष्ण भक्त महेन्द्र सिंह,धीरज राम महाराज,ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह गद्दीनशीन गुलाम किबेरिया,मोहम्मद असलम काशमी जयपुर सहित कई साधु-संत, धर्म प्रचारक आर्शीवाद देने मौजूद रहे.
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