Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इस चुनाव में राष्ट्रपति, कलेक्टर, राज्यपाल भी वोट डालेंगे. दरअसल, राजस्थान में एक छोटा सा गांव रामनगर है, जहां की जनसंख्या 5 हजार है. यहां कंजर आदिवासी समुदाय के करीब 2 हजार वोटर्स हैं जिसमें किसी का नाम राष्ट्रपति है तो किसी का नाम राज्यपाल है. 


टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय कंजर बालक दास ने बताया कि ब्रिटिश शासन में कंजर समुदाय को आपराधिक जनजाति के तौर पर देखा जाता था. इसके पीछे वजह ये थी कि समुदाय के कुछ सदस्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे. आजादी के बाद भी इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ और इसे आपराधिक जनजाति के रूप में ही दर्ज किया गया.


क्या है इसके पीछे की वजह? 


स्थानीय पर्यवक्षकों के मुताबिक, अगर समुदाय के कुछ सदस्य कानून तोड़ते हैं तो पूरे समुदाय को अपराधी की दृष्टि से ही देखा जाता था. यही वजह थी कि कंजरों ने अपने ऐसे नाम रख लिए जिससे उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाए.  समुदाय के लोगों ने दूरदर्शन कार्यक्रम देखकर अपने बच्चों के नाम राजीव गांधी से लेकर राष्ट्रपति तक रख दिए. यहां राजीव गांधी सरकारी जॉब कार्ड के साथ गांव में मनरेगा मजदूर के तौर पर काम करता है.


इसके अलावा कलेक्टर एक 57 साल का वोटर है जिसका नाम मां ने एक कलेक्टर से प्रभावित होकर रखा है. पहले तो गांव की लिस्ट में तहसीलदार और आईजी भी हुआ करते थे, लेकिन अब वो सब गुजर गए हैं.  रामनगर गांव के सरकारी प्राइमरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में करीब 650 बच्चे पढ़ते हैं. इंटरनेट और टीवी चैनलों की पहुंच के बाद गांव के लोगों के नाम अब बदल गए हैं. माना जा रहा है कि आने वाले समय में लोग अपने बच्चों का नाम राज्यपाल और राष्ट्रपति नहीं रखेंगे.  


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