एक्सप्लोरर

राजस्थान: कांग्रेस चुनाव समिति में गहलोत का दबदबा, क्या सचिन पायलट के साथ फिर 'जादू' हो गया?

कांग्रेस कमेटी ने चुनाव पैनल की घोषणा कर दी है. ये घोषणा सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच संघर्ष विराम पर सहमति के मुश्किल से दो सप्ताह बाद हुई है. पैनल में गहलोत खेमे को ज्यादा तरजीह दी गई है.

कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 29 सदस्यीय प्रदेश चुनाव समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट इसके सदस्यों में शामिल हैं. इसमें पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थकों से कम प्राथमिकता दी गई है. 

पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रदेश चुनाव समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी. पार्टी नेता रघुवीर मीणा, रघु शर्मा, हरीश चौधरी, प्रताप सिंह काचरियावास, रामेश्वर डूडी, मोहन प्रकाश और लालचंद कटारिया इस पैनल का हिस्सा हैं. 

समिति का गठन खड़गे, राहुल गांधी, कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, डोटासरा, सचिन पायलट और राज्य के कई विधायकों और मंत्रियों के छह जुलाई को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में एक चुनावी रणनीति बैठक में भाग लेने के कुछ दिनों बाद किया गया है. 

समिति में गहलोत सरकार के 16 मंत्रियों को शामिल किया गया है. इनमें गहलोत समर्थक आठ और पायलट खेमे के सिर्फ दो मंत्री शामिल हैं. बाकी छह मंत्री किसी खेमे में नहीं हैं. हालांकि, गहलोत के सबसे खास माने जाने वाले दो मंत्रियों शांति धारिवाल और महेश जोशी को समिति में शामिल नहीं किया गया है . 

पैनल में गहलोत के वफादारों का दबदबा ? 

राजस्थान में कांग्रेस चुनाव समिति की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा करेंगे, जबकि पैनल में सभी जातियों, समुदायों और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया. हालांकि कई मंत्रियों को सदस्य नियुक्त किया गया है लेकिन गहलोत के वफादार समिति पर हावी दिख रहे थे.

कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा पायलट के एकमात्र प्रमुख समर्थक हैं, जिन्हें समिति में शामिल किया गया. जयपुर में राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पैनल की सदस्यता ने सुझाव दिया था कि इस साल दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण में गहलोत खेमे का पलड़ा भारी रहेगा.

चूंकि न तो गहलोत और न ही पायलट को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इसकी वजह यह है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चुनावों के लिए रणनीति तैयार करने और महत्वपूर्ण सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन करने के लिए आम सहमति बनाने की ओर अपना झुकाव रख रहा है. लेकिन गहलोत की पार्टी के ज्यादा नेताओं को चुनाव समिति में शामिल किया गया है.

वरिष्ठ पत्रकार ओम सैनी ने इस बारे में एबीपी न्यूज को बताया कि राजस्थान को या पूरे कांग्रेस को लेकर अशोक गहलोत की छवि सबसे ज्यादा भरोसेमंद रही है. ऐसे में अशोक गहलोत को कमजोर करना किसी भी कीमत पर मुमकिन नहीं है.  सैनी ने कहा ' मलिकार्जुन खड़गे , सोनिया गांधी, राहुल गांधी या प्रियंका गांधी सभी को ये पता है कि कांग्रेस के लिए ज्यादा वफादार कौन है? 

सैनी ने कहा' कांग्रेस ने गोविंद सिंह डोटासरा को चेयरमैन बनाया गया, क्योंकि ये न लगे कि पार्टी पर किसी का दबदबा है. लेकिन चुनाव समिति में जिन भी लोगों को शामिल किया गया है उनमें से ऐसा कोई भी नहीं है जो गहलोत का विरोध कर सके. राजनीतिक मूल्यांकन ये बताते हैं कि सचिन पायलट के पास एक समुदाय का सपोर्ट है, जिसे पार्टी नजरअंदाज नहीं कर सकती'. 

सैनी ने कहा 'चुनाव समिति में गहलोत के खेमे के ज्यादा समर्थकों को शामिल करना गहलोत की ताकत की तरफ इशारा है. इस विधानसभा चुनाव में भले ही गहलोत सीएम न बनाए जाएं लेकिन सीएम वही बनेगा जिसकी तरफ गहलोत इशारा करेंगे. 

सैनी ने ये भी बताया कि कांग्रेस ने समिति के गठन को लेकर न तो अशोक गहलोत से न तो सचिन पायलट से मशवारा लिया है. ये पूरी तरह से पार्टी का फैसला है. उन्होंने आगे कहा कि समीति में ऐसे नेता भी हैं जो किसी खेमे में शामिल नहीं हैं. लेकिन ये पूरी तरह से दिखावटी है. पार्टी पर सिर्फ गहलोत का दबदबा है. पार्टी गहलोत पर भरोसा करती है और उन्हीं पर प्रयोग भी करेगी. 

गहलोत के दो करीबियों को समिति में शामिल नहीं किया गया 

गहलोत के सबसे खास माने जाने वाले दो मंत्रियों शांति धारिवाल और महेश जोशी को समिति में शामिल नहीं किया गया है. तो क्या ये गहलोत के लिए झटका नहीं माना जाए , इस सवाल पर सैनी ने बताया कि शांति धारिवाल अशोक गहलोत के सबसे ज्यादा विश्वासनीय हैं. वहीं महेश जोशी अशोक गहलोत की ही दूसरी छवि माने जाते हैं. इन दोनों के समिति में न होना या होना अशोक गहलोत के लिए कोई सिर दर्द नहीं है, क्योंकि समिति में शामिल न होकर भी ये दोनों ही नेता वही करेंगे जो अशोक गहलोत कहेंगे. 

दूसरी तरफ वरिष्ठ मंत्री बीडी कल्ला को समिति में शामिल नहीं करना चर्चा का विषय बना हुआ है. राजस्थान की राजनीति पर पकड़ रखने वाले पत्रकार श्याम सुंदर शर्मा ने एबीपी न्यूज को बताया कि बीडी कल्ला का समिति में न शामिल करना कोई हैरानी की बात नहीं है. मुख्यमंत्री को छोड़ कर 70 पार के नेताओं को समिति में शामिल नहीं किया गया है. 

श्याम सुंदर शर्मा ने कहा कि ये चुनाव संचालन समिति का काम पूरे प्रदेश में चुनाव से संबधित उम्मीदवारों का चयन करना होगा. इस समिति में पायलट खेमें से सचिन पायलट के अलावा मुरारी लाल मीणा को ही लिया गया है.

बाकी के ज्यादातर सदस्य गहलोत खेमे के हैं. लेकिन इसके इतर समिति के अन्य प्रमुख सदस्यों में सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा, पूर्व प्रदेश कांग्रेस प्रमुख रामेश्वर डूडी, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश, एआईसीसी के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर, राज्यसभा सदस्य नीरज डांगी और कांग्रेस के गुजरात प्रभारी रघु शर्मा, पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी और उत्तर प्रदेश प्रभारी जुबैर खान शामिल हैं. 

वहीं कांग्रेस आलाकमान के करीबी माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का नाम गहलोत के ठीक बाद सदस्यों की लिस्ट में सामने आया. प्रताप सिंह खाचरियावास, लालचंद कटारिया, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, उदय लाल आंजना, शाले मोहम्मद, ममता भूपेश, गोविंद राम मेघवाल, प्रमोद जैन भाया, शकुंतला रावत, अशोक चांदना और भजन लाल जाटव को सदस्य बनाया गया है. 

श्याम ने बताया कि अशोक गहलोत के खेमे से जिन 15 मंत्रियों को लिया गया है वो अलग-अलग जातियों से ताल्लुक रखते हैं. आदिवासी से लेकर राजपूत जाति के नेताओं को सदस्य बनाया गया है. साफ है कि कांग्रेस ,सोशल इंजिनियरिंग बेहद ही साफ तरीके से कर रही है. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृतव की कोशिश ये रही है कि वो सबको साथ लेकर चलने का संदेश देना चाह रही है. पार्टी ये दिखा रही है कि इस बार का चुनाव किसी एक नेता के नाम पर नहीं लड़ा जाएगा.  

श्याम ने आगे कहा कि पार्टी का कहना है कि ये चुनाव युवाओं का चुनाव होगा लेकिन पार्टी ने कांग्रेस युवा दल को समिति में शामिल नहीं किया है.  सेवा दल भी इसमें शामिल नहीं है. दबदबा गहलोत खेमे का है.

टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने अभी भी कुछ साफ नहीं किया है. कांग्रेस ये कह रही है कि एक व्यक्ति का शासन नहीं होगा. समिति में सदस्यों को जिस तरह से शामिल किया गया है उसे देखने पर भी ऐसा लग रहा है, लेकिन पायलट खेमे को कम तरजीह देना इस बात की तरफ इशारा है कि पायलट कांग्रेस के लिए गैरजरूरी हैं. 

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

वक्फ संशोधन बिल पर JPC को मिले AI जेनरेटेड रिएक्शन, अब तक आ चुके हैं 96 लाख ईमेल
वक्फ संशोधन बिल पर JPC को मिले AI जेनरेटेड रिएक्शन, अब तक आ चुके हैं 96 लाख ईमेल
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया, वृंदावन का भी कर दिया जिक्र
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया, वृंदावन का भी कर दिया जिक्र
Sharmila Tagore की वजह से काजोल की मां बनी थीं स्टार, जानें कैसे सैफ की मां के फैसले ने बदली थी तनुजा की जिंदगी
काजोल और सैफ की मां के बीच का कनेक्शन है पुराना, जानिए दिलचस्प किस्सा
IND vs BAN: टीम इंडिया ने दर्ज की बंपर जीत, तो कोच गंभीर ने कही बड़ी बात; रिएक्शन कर देगा हैरान
टीम इंडिया ने दर्ज की बंपर जीत, तो कोच गंभीर ने कही बड़ी बात; रिएक्शन कर देगा हैरान
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Lebanon Israel War: खतरे में लेबनान का फ्यूचर, बज गया सिविल वॉर का हूटर? | America | ABP NewsHaryana Election: Arvind Kejriwal के RSS से सवाल...हरियाणा तक बवाल | AAP | ABP NewsHindustan Shikhar Samagam: Jagat Singh को ऐसे मिली जंगली की उपाधी | ABP News'प्रकृति को बिना नुकसान किए कैसे स्वस्थ रहें' देवभूमि के 'गुमनाम नायकों' का खास Interview | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
वक्फ संशोधन बिल पर JPC को मिले AI जेनरेटेड रिएक्शन, अब तक आ चुके हैं 96 लाख ईमेल
वक्फ संशोधन बिल पर JPC को मिले AI जेनरेटेड रिएक्शन, अब तक आ चुके हैं 96 लाख ईमेल
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया, वृंदावन का भी कर दिया जिक्र
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया, वृंदावन का भी कर दिया जिक्र
Sharmila Tagore की वजह से काजोल की मां बनी थीं स्टार, जानें कैसे सैफ की मां के फैसले ने बदली थी तनुजा की जिंदगी
काजोल और सैफ की मां के बीच का कनेक्शन है पुराना, जानिए दिलचस्प किस्सा
IND vs BAN: टीम इंडिया ने दर्ज की बंपर जीत, तो कोच गंभीर ने कही बड़ी बात; रिएक्शन कर देगा हैरान
टीम इंडिया ने दर्ज की बंपर जीत, तो कोच गंभीर ने कही बड़ी बात; रिएक्शन कर देगा हैरान
Coldplay Concert: कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के टिकट की कीमत लाखों तक पहुंची, ऐसी दीवानगी कि बुकिंग साइट हुई क्रेश
कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के टिकट की कीमत लाखों तक पहुंची, ऐसी दीवानगी कि बुकिंग साइट हुई क्रेश
'ऐसा मस्जिद के साथ होता तो देश में फैल जाती अव्यवस्था', तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले डिप्टी CM पवन कल्याण
'ऐसा मस्जिद के साथ होता तो देश में फैल जाती अव्यवस्था', तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले पवन कल्याण
दुनिया के किस देश में हैं सबसे ज्यादा दूतावास, किस नंबर पर आता है अपना भारत?
दुनिया के किस देश में हैं सबसे ज्यादा दूतावास, किस नंबर पर आता है अपना भारत?
AI से कैसे होगा सर्वाइकल कैंसर का इलाज, क्या दूसरी बीमारियों में भी काम आएगी ये तकनीक?
AI से कैसे होगा सर्वाइकल कैंसर का इलाज, कितनी कारगर है ये तकनीक
Embed widget