Rajasthan Assembly Election 2023 News: राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. चुनावी जनसभाओं में नेता जमकर जुबानी तीर चला रहे हैं. ऐसा ही एक जुबानी तीर बीजेपी के नेता संदीप दायमा पर भारी पड़ गया. 1 नवंबर को एक चुनावी रैली के दौरान गुरुद्वारों से संबंधित उनके विवादास्पद बयान के कारण सिख संगठनों के कड़े विरोध के बाद रविवार को पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया.


वहीं, पार्टी के इस फैसले का दायमा ने स्वीकारते हुए कहा, ''मैं पार्टी की ओर से लिए गए फैसले को स्वीकार करता हूं.'' बता दें कि तिजारा निर्वाचन क्षेत्र के लिए भाजपा उम्मीदवार बाबा बालक नाथ की नामांकन रैली में अपने भाषण के दौरान, दायमा ने मस्जिदों, मदरसों और गुरुद्वारों के प्रसार को "घाव" के रूप में संदर्भित किया था. इस कार्यक्रम में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद थे.


पंजाब और राजस्थान में शुरू हो गया था प्रदर्शन 


सोशल मीडिया पर उनका भाषण वायरल होते ही पंजाब और राजस्थान में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया था. अपनी गलती को स्वीकार करते हुए दायमा ने तुरंत माफी भी मांगी थी और माफी मांगने के लिए गुरुद्वारों में जाने का भी वादा किया था. इस बीच बीजेपी की पंजाब इकाई ने शनिवार को पार्टी आलाकमान के समक्ष आधिकारिक तौर पर अपना विरोध दर्ज कराया. पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दायमा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. इसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है.






कौन हैं संदीप दायमा जिन पर हुआ एक्शन


संदीप दायमा राजस्थान के लोकल नेता हैं. 2018 में दायमा ने राजस्थान की तिजारा विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. हालांकि उन्हें बसपा प्रत्याशी संदीप यादव ने हरा दिया था. इस बार भी संदीप दायमा ने यहां से टिकट का दावा ठोका था. दायमा इससे पहले भिवाड़ी नगर परिषद के पूर्व सभापति रह चुके हैं. संदीप दायमा गुर्जर समाज से आते हैं. उनकी गुर्जरों के बीच अच्छी पकड़ है और गुर्जर वोट बैंक को देखते हुए ही वह बाबा बालक नाथ के लिए भाषण दे रहे थे. उनकी तिजारा विधानसभा क्षेत्र में अच्छी पकड़ है.