Rajasthan Elections 2023: राजस्थान के दांता रामगढ़ सीट पर दिलचस्प मुकाबला, विधायक पति के सामने पत्नी ही ठोक रही ताल
Rajasthan Elections 2023: सीकर में पड़ने वाले दांता रामगढ़ विधानसभा सीट पर जहां कांग्रेस ने मौजूदा विधायक चौधरी वीरेंद्र सिंह को टिकट दिया है तो उनके सामने जेजेपी से उनकी पत्नी डॉक्टर रीता सिंह हैं.
Rajasthan Election 2023 News: राजस्थान के सीकर के तहत आने वाले दांता रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों बेहद दिलचस्प नजारा देखने को मिल रहा है. यहां निवर्तमान कांग्रेस विधायक वीरेंद्र सिंह को इस बार कड़ी चुनौती मिल रही है और यह चुनौती कोई और नहीं बल्कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की उम्मीदवार डॉ. रीता सिंह चौधरी दे रहीं हैं. डॉ. रीता सिंह चौधरी वीरेंद्र सिंह की पत्नी हैं.
अभी घर से बाहर दोनों एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं. रीता सिंह कहती हैं कि यह "व्यक्तिगत नहीं" है. बस हम दोनों चुनाव लड़ रहे हैं. रीता सिंह कभी कांग्रेस की सदस्य थीं, लेकिन अब वह जेजेपी राजस्थान की महिला विंग की अध्यक्ष हैं. जेजेपी ने इस बार राजस्थान चुनाव में कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
पिछली बार कांग्रेस दे रही थी टिकट
अपनी उम्मीदवारी के बारे में रीता सिंह कहती हैं, “यह किसी के खिलाफ खड़े होने के बारे में नहीं है. सीकर जिला प्रमुख के रूप में मैंने बहुत काम किया है. पिछली बार कांग्रेस ने मुझे दांता रामगढ़ से उम्मीदवार बनाया था और मैं जनता के बीच रही, लेकिन किसी वजह से मैं खड़ी नहीं हो पाई. समय किसी का इंतजार नहीं करता. आपको एक बिंदु पर अपने लिए और जनता के लिए स्टैंड लेना होता है. अब मैंने लोगों और उनके मुद्दों के लिए स्टैंड लिया है.
कानूनी रूप से शादी-शुदा पर रहते हैं अलग
उनके एक करीबी सहयोगी के अनुसार, “रीता सिंह ने सीकर के लोगों के लिए काफी काम किया है. एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार होने के कारण उनके ससुराल वालों ने उन्हें राजनीति में पीछे धकेल दिया, भले ही पार्टी (कांग्रेस) उन्हें आगे ले जाने के लिए तैयार थी.” रीता सिंह और उनके पति अलग-अलग रहते हैं. हालांकि वे अब भी कानूनी रूप से शादीशुदा हैं.
पति ने कहा- मेरे वोटों पर कोई असर नहीं पड़ेगा
इन सबसे अलग रीता सिंह के पति वीरेंद्र सिंह का कहना है कि पत्नी के खड़े होने से उनके वोटों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वीरेंद्र सिंह को राजनीतिक वंशावली अपने पिता नारायण सिंह से विरासत में मिली है, जो एक कद्दावर कांग्रेस नेता और राजस्थान में पार्टी के पूर्व प्रमुख थे. 1980 के बाद से दांता रामगढ़ में नौ चुनावों में से सात में कांग्रेस ने जीत हासिल की है. नारायण सिंह ने इन सातों में से छह बार और 1972 में भी सीट जीती थी.
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