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राजस्थान विधानसभा से केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ संशोधन विधेयक पारित, BJP ने वॉकआउट किया
पंजाब के बाद अब राजस्थान विधानसभा ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ संशोधन विधेयक पारित किया है.
![राजस्थान विधानसभा से केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ संशोधन विधेयक पारित, BJP ने वॉकआउट किया Rajasthan assembly passes three bills to negate farm laws enacted by Centre राजस्थान विधानसभा से केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ संशोधन विधेयक पारित, BJP ने वॉकआउट किया](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/07/25215220/ashok-gehlot.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
जयपुर: पंजाब के बाद राजस्थान विधानसभा ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ संशोधन विधेयक पारित किया है. इस दौरान विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सदन का बहिष्कार किया.
इन विधेयकों पर दिन भर हुई चर्चा के बाद राज्य विधानसभा ने ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण)(राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा कर पर करार(राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 तथा आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 को पारित कर दिया.
इन विधेयकों का उद्देश्य केंद्र द्वारा हाल ही में पारित कृषि संबंधी तीन कानूनों का राज्य के किसानों पर प्रभाव 'निष्प्रभावी' करना है. राज्य के संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने शनिवार को सदन में ये विधेयक पेश किए थे.
चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इन विधेयकों में मोटे तौर पर यह प्रावधान किया है कि किसी कंपनी या व्यक्ति द्वारा किसानों के साथ उनकी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी से कम दर पर खरीदेन का कोई समझौता वैध नहीं होगा. विधेयक में किसानों के उत्पीड़न पर कम से कम तीन साल की कैद व पांच लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल है.
धारीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हालिया पारित तीन कृषि कानूनों का देश भर में उसी तरह विरोध हो रहा है जैसा कुछ सा पहले भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर हुआ था और केंद्र सरकार को इन कानूनों को भी अंतत: वापस लेना पड़ेगा.
उन्होंने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कृषि राज्य सरकार का अनन्य विषय है. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि संबंधी कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का एक बार भी जिक्र नहीं किए जाने का उल्लेख किया. धारीवाल ने विपक्ष की ओर इशारा करते हुआ कहा,'‘तीन कानूनों में आपने एक बार भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) शब्द नहीं लिखा तो क्यों नहीं आप पर शक करें और आरोप लगाएं.’’
इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए राज्य के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लाये गये तीनों कानून किसान विरोधी है और किसान परिवारों के हितों पर कुठाराघात है. उन्होंने कहा कि प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति किसान परिवार से जुड़ा हुआ है. इन कानूनों से आने वाले समय में किसान मजदूर बनकर रह जायेगा. बड़ी-बड़ी कंपनियां अनुबंध के आधार पर किसानों की जमीन लेकर मनमाने तरीके से खेती करवायेगी और किसानों की फसलों का कंपनियां जैसा चाहेगी वैसा बाजार भाव तय करेगी.
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने केंद्र सरकार के कानूनों के खिलाफ संशोधन विधेयक लाए जाने के लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा. कटारिया व वक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा किसान हित के लिए उठाई गयी विभिन्न पहलों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि किसानों का जीवन बदलने के लिए अगर सही मायने में किसी ने काम किया है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं.
चर्चा के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषक हित में लाए गए कानूनों के खिलाफ विधेयक पारित करने का ‘'कुकृत्य इस सदन में हो रहा है, हम इसके साक्षी नहीं बनेंगे. हम इनके विरोध में बहिर्गमन करते हैं.'
उल्लेखनीय है कि राजस्थान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ इस तरह के विधेयक पारित करने वाला दूसरा राज्य हो गया है. इससे पहले कांग्रेस शासित पंजाब भी इस तरह के विधेयक पारित कर चुका है.
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