जयपुर: राजस्थान में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट (SC) का रुख किया है. स्पीकर ने सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों को अयोग्य करार देने लिए जारी नोटिस पर यथा स्थिति बनाए रखने के राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.


सीपी जोशी ने अपनी अपील में कहा है कि हाई कोर्ट का आदेश ‘जाहिर तौर पर असंवैधानिक’ है और यह संविधान की 10वीं अनुसूची के अंतर्गत अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में ‘सीधा अतिक्रमण’ है.


विधानसभा अध्यक्ष ने अधिवक्ता सुनील फर्नाण्डीज के माध्यम से यह अपील दायर की है. अपील में दावा किया गया है कि हाई कोर्ट का आदेश 10वीं अनुसूची के तहत, सदन की कार्यवाही में सीधा हस्तक्षेप है जिसकी संविधान का अनुच्छेद 212 अनुमति नहीं देता है.


अपील में यह भी कहा गया है कि हाई कोर्ट का आदेश यथा स्थिति बनाये रखने की किसी वजह को उजागर नहीं करता है.


24 जुलाई को राजस्थान हाई कोर्ट ने स्पीकर द्वारा कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को भेजे गए अयोग्यता नोटिस मामले में यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया था.


पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य पार्टी विधायकों ने राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी द्वारा अयोग्य ठहराए जाने का नोटिस जारी करने के बाद हाई कोर्ट का रुख किया था. स्पीकर ने 14 जुलाई को नोटिस जारी किया था.


बागी विधायकों ने तर्क दिया कि जब विधानसभा सत्र नहीं हो रहा हो तब कोई व्हिप जारी नहीं किया जा सकती है. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ कांग्रेस छोड़ने की उनकी कोई योजना नहीं है लेकिन वे राजस्थान नेतृत्व में बदलाव चाहते थे.


जोशी पहले भी गए थे SC


सीपी जोशी का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष के पास विधायकों को अयोग्य ठहराने का अधिकार है. अध्यक्ष के निर्णय में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. इसी को आधार बनाते हुए पिछले दिनों भी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और हाईकोर्ट को आदेश देने से रोक लगाने की मांग की थी.


हालांकि हाईकोर्ट के फैसले पर शीर्ष अदालत ने रोक नहीं लगाई और जब हाईकोर्ट का फैसला आया तो स्पीकर ने याचिका वापस ले ली. अब एक बार फिर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.


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