राजस्थान के बाड़मेर जिले के बालोतरा में नगर परिषद के अधीन आने वाले कांजी हाउस में पिछले दस दिनों में 100 से ज़्यादा गोवंश ने दम तोड़ दिया है. इस गोवंश की मौत की वजह पानी-चारा की कमी के साथ भीषण गर्मी में गायों को छाया नहीं मिल पाना माना जा रहा है. 


कांजी हाउस वो जगह है जहां शहर में आवारा घूमने वाले गोवंश को लाकर छोड़ा जाता है, लेकिन यहां इस गोवंश के देखभाल और खाने-पीने के इंतजाम इस कदर खराब है कि गर्मी शुरू होते ही यहां गोवंश ने दम तोड़ना शुरू कर दिया. अब तक यहां 125 गोवंश मौत के मुंह में समा चुका है. नायब तहसीलदार बालोतरा भरत सोनी ने खुद मौके पर जाकर जो रिपोर्ट बनाई है उसमें सौ से ज्यादा गायों के मरने की बात कही है. 


केमिकल युक्त पानी पीना पड़ता है


बालोतरा का ये कांजी हाउस शहर से बाहर कचरा डिपो के साथ बना है. इस कचरे में सैकड़ों किलो पॉलीथिन भी होता है, जो गायों के पेट में जाता है. वहीं, बालोतरा में कपड़ों के रंगाई छपाई का बरसों पुराना कारोबार है. रंगाई छपाई फैक्ट्रियों का गंदा केमिकल युक्त पानी यहां की गायों को पीना पड़ता है, जिसकी वजह से वो बीमार होती है. कांजी हाउस में गायों के लिए पानी का पर्याप्त इंतजाम तक नहीं है.


मिट्टी वाला चारा दिया जाता है


कांजी हाउस में गायों को मिट्टी वाला चारा दिया जाता है. प्रशासनिक लापरवाही की इस जीती जागती मिसाल की एबीपी न्यूज़ की टीम ने मौके पर ही पड़ताल की. गायों की मौत के बाद मौके पर आए नगर पालिका के राजस्व अधिकारी पवन कुमार को चारे के मुद्दे पर आम जनता ने आड़े हाथों लिया. इस पर पवन कुमार से कोई जवाब देते नहीं बना. 


गायों की मौत पर अब राजनीति भी तेज हो रही है. यहां नगर परिषद में बोर्ड बीजेपी का है और विधायक कांग्रेसी. इसकी वजह से अब दोनों पार्टी गायों की मौत को लेकर एक दूसरे पर निशाना लगा रहे हैं. गायों की मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ेगा, क्योंकि अभी तक कांजी हाउस में बदइंतजामी का बोलबाला है. अब प्रशासन की नींद खुली है और गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष समेत सभी जन प्रतिनिधि बालोतरा कांजी हाउस के दौरे करने शुरू कर रहे हैं.


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