जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार का आज मंत्रीमंडल विस्तार हो गया. कुल 23 को अशोक गहलोत ने मंत्री मंडल में जगह दी है. इनमें 13 कैबिनेट मंत्री हैं तो 10 राज्य मंत्री हैं. गहलोत मंत्री मंडल में अनुभव के मुकाबले युवा जोश को तरजीह दी गई है. 17 को पहली बार मंत्री बनने का मौका मिला है. राजस्थान में अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट को मिलाकर कुल 25 मंत्री सरकार चलाएंगे.
वैसे राजस्थान के दो सौ सदस्यों वाली विधानसभा के मुताबिक़ राज्य में कुल मंत्रियों की संख्या तीस हो सकती थी लेकिन पांच मंत्रियों की जगह को ख़ास मक़सद से ख़ाली रखा गया है. दरअसल ये पांच जगह कुछ महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र ख़ाली रखी गई हैं ताकि विधायकों को उनकी चुनावी परफॉर्मेंस के आधार पर मंत्री पद से नवाज़ा जा सके. यानी अगर मंत्री पद चाहिए तो लोक सभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करके विधायक इनाम पा सकते हैं.
वैसे राज्य मंत्री मंडल के गठन में पूरी तरह लोक सभा चुनाव की छाया दिखाई दे रही है. इस मंत्री मंडल में जातिगत समीकरणों के साथ क्षेत्रीय संतुलन का भी पूरा ध्यान रखा गया है. इसी वजह से कुछ बड़े नाम जिनका मंत्री बनना तय माना जा रहा था उनको बाहर बैठाया गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी, पूर्व मंत्री राजेंद्र पारीक, बृजेंद्र ओला, दीपेन्द्र सिंह शेखावत, भरत सिंह कुन्दनपुर, महेंद्र जीत मालवीय, डाक्टर जितेंद्र सिंह और अमीन खान ऐसे नाम हैं जो मंत्री मंडल में जगह नहीं पा सके.
जातीय गणित की बात की जाए तो मंत्री मंडल में सभी जातियों के समायोजन का प्रयास दिखता है. जाट समुदाय से लाल चंद कटारिया, विश्वेंद्र सिंह, गोविंद सिंह डोटासरा और हरीश चौधरी को मंत्री बनाया गया है तो राजपूत समाज से प्रताप सिंह खाचरियांवास और भंवर सिंह भाटी को जगह मिली है. इसी तरह ब्राह्मण नेता के रूप में रघु शर्मा और बी डी कल्ला मंत्री बनाए गए हैं.
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दौसा समेत अन्य मीणा बाहुल्य इलाक़ों के मीणा वोट बैंक पर नजर गढ़ाए बैठी कांग्रेस ने रमेश मीणा और परसादी लाल मीणा पर दांव खेला हैं. अल्पसंख्यक यानि मुस्लिम चेहरा शाले मुहम्मद का हैं. वैश्य समाज से सुभाष गर्ग तो जैन समुदाय से प्रमोद जैन भाया और शांति धारीवाल मंत्री मंडल में शामिल किए गए हैं.
इसी तरह आदिवासी अर्जुन सिंह बामनिया और विश्नोई समाज से सुख राम को भी मंत्री पद मिला हैं. दलित समुदाय से भंवर लाल मेघवाल, ममता भूपेश, भजन लाल जाटव को यादव जाति के राजेंद्र सिंह को मंत्री पद मिला हैं. जयपुर कोटा अजमेर उदयपुर बीकानेर भरतपुर और जोधपुर समेत सभी सात संभाग से विधायक इस मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं.
बात अगर गहलोत और पायलट गुट के हिसाब से की जाए तो दोनो का पलड़ा लगभग बराबर का दिखता हैं. शांति धारीवाल , बी डी कल्ला और गोविंद सिंह डोटासरा अपने दम पर मंत्री बने हैं तो बाक़ी बचे बीस मंत्रियों में से दोनो के दस दस विधायक मंत्री बने हैं.
गहलोत खेमे से परसादी लाल मीणा शाले मुहम्मद टीकाराम जूली लाल चंद कटारिया विश्वेंद्र सिंह सुभाष गर्ग उदय लाल आँजना भँवर सिंह भाटी और अशोक चांदना मंत्री बनाए गए हैं. दूसरी तरफ सचिन खेमे से प्रमोद जैन भाया, मास्टर भंवर लाल मेघवाल, सुख राम, प्रताप सिंह, भजन लाल जाटव, राजेंद्र यादव, हरीश चौधरी, ममता भूपेश, रघु शर्मा, रमेश मीणा और अर्जुन बामंनिया मंत्री बने हैं.
बता दें कि 17 दिसम्बर को जयपुर के अल्बर्ट हॉल में अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद की और सचिन पायलट ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. दिल्ली में कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ नेताओं के साथ पिछले दिनों मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित पार्टी के नेताओं ने कई दौर की बैठकों के बाद मंत्रिमंडल के नामों पर रविवार को अंतिम मुहर लगी है.