जयपुर: राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार रात नौ बजे विधायकों की एक बैठक बुलाई है. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास पर रविवार रात नौ बजे एक बैठक बुलाई गई है. उन्होंने बताया कि पार्टी के विधायकों के अलावा पार्टी को समर्थन दे रही अन्य पार्टियों के विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है.
कई मंत्रियों और विधायकों ने सीएम गहलोत से की मुलाकात
राजनीतिक संकट के बीच आज राज्य के कई मंत्रियों और विधायकों ने मुख्यमंत्री के निवास पर पहुंच कर उनसे मुलाकात की और स्थिति पर चर्चा की. वहीं दूसरी ओर पार्टी सूत्रों के अनुसार उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नजदीकी माने जाने वाले कुछ कांग्रेस के विधायक दिल्ली चले गये हैं.
राजधानी जयपुर में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, श्रम मंत्री टीकाराम जूली, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा सहित कई विधायकों ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की. सूत्रों ने बताया कि मंत्रीगण और विधायक मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रहे हैं. पार्टी के अधिकतर विधायकों और निर्दलीय विधायक शनिवार से मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रहें है.
एसओजी ने जारी कर दिये हैं नोटिस
निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने बताया कि हम सभी कल से मुख्यमंत्री से मिल रहे हैं ताकि उनके नेतृत्व में विश्वास व्यक्त कर सकें. विधायकों को गहलोत के नेतृत्व पर भरोसा है. नागर ने बताया कि उन्हें भी राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा एसओजी की ओर से बयान देने के लिये नोटिस प्राप्त हुआ है. एसओजी ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और सरकारी मुख्य सचेतक को इस मामलें में उनके बयान दर्ज करवाने के लिये पहले से ही नोटिस जारी कर दिये हैं.
एसओजी ने सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के मामले में दो मोबाइल नंबरों पर हुई बातचीत के तथ्यों के आधार पर एक स्वप्रेरित प्राथमिकी शुक्रवार को दर्ज की थी. वहीं सत्ताधारी कांग्रेस सरकार ने शनिवार को तीन निर्दलीय विधायकों खुशवीर सिंह, ओमप्रकाश हुडला, और सुरेश टॉक से अपने आप को दूर कर लिया. तीनों विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों ने बीजेपी की ओर से सरकार को अस्थिर करने के लिये विधायकों को कथित तौर पर धन प्रलोभन देने के मामले में प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज किया था.
कांग्रेस सरकार को सभी 13 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त
राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस सरकार को सभी 13 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. इन सभी विधायकों ने पिछले महीने राज्य सभा के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में मतदान किया था, लेकिन अब सरकार इनसे दूरी बना रही है. सूत्रों के अनुसार सरकार इन्हें अब समर्थक नहीं मान रही है.
राजनीतिक संकट उस समय पैदा हुआ जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉफ्रेंस कर बीजेपी नेतृत्व पर उनकी सरकार गिराने का प्रयास का आरोप लगाया था. बीजेपी के नेताओं ने आरोपो का खंडन करते हुए कहा यह कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी लड़ाई का परिणाम है. उन्होंने यह आरोप एसओजी द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर लगाये हैं.
यह अंदरूनी लड़ाई का परिणाम है- बीजेपी
मुख्यमंत्री द्वारा लगाये आरोपों के तुरंत बाद बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह अंदरूनी लड़ाई का परिणाम है क्योंकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच चल रही खींचतान के कारण हो रहा है. गहलोत द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है.
राजनीतिक घटनाक्रम के बीच उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के वफादार पार्टी के कुछ विधायक दिल्ली चले गये. उल्लेखनीय है कि 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं और पार्टी को कई निर्दलीय विधायकों और अन्य पार्टियों के विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
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