राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज रायपुर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. दोनों मुख्यमंत्रियों ने दोनों राज्यों के बीच चल रहे कोयले के मुद्दे पर चर्चा की. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा आज कोयले की आपूर्ति को लेकर चिंता व्यक्त की गई है.
राजस्थान सरकार को जो कोयला खदान मिली है वो भारत सरकार से मिली है और उस मांग के अनुरूप उनकी हर संभव मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि खदान अलॉटमेंट के बाद पर्यावरण की गाइडलाइन को भी पूरा करना होता है. छत्तीसगढ़ सरकार ने पर्यावरण और स्थानीय लोगों की मांग से कभी समझौता नहीं किया है. इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई होगी और नियमानुसार खदानों का संचालन होगा.
बहुत दिनों से कोयले को लेकर लंबित मामले पर क्या कुछ हुई चर्चा
शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके ऊर्जा मंत्री छत्तीसगढ़ के मोहम्मद अकबर और अन्य संबंधित अधिकारियों से मिले. राजस्थान सरकार द्वारा कोयले की आपूर्ति को लेकर चिंता व्यक्त की गई. ऐसे में अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान सरकार को बारत सरकार द्वारा जो खदान एलॉट की गई है वह भारत सरकार से एलॉट की गई है.
अधिकारियों ने कहा कि खदान एलॉटमेंट के बाद पर्यावरण की स्वीकृति और उसके अनुसार सरकार की जो भी गाइडलाइन हैं उनको पूरा करना होता है. छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा कि पर्यावरण और स्थानीय लोगों की मांग से हमने कभी समझौता नहीं किया गया.
हर जगह के होते हैं कुछ स्थानीय मुद्दे
वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुये राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमने अपनी बात कह दी है और मुख्यमंत्री जो कह रहे हैं उसे मैं अप्रिशिएट करता हूं. हर जगह के कुछ स्थानीय मुद्दे होते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किये गये अलॉटमेंट में हमने स्टेट गवर्नमेंट को अलर्ट किया हुआ है.
पड़ाका ईस्ट और काटा बेसिन मैं हमारा काम चल रहा है इन ब्लॉक में हमारा काम चल रहा है उसके एक्सटेंशन की बात और पार्था का जो नया 5 मिलियन तंका ब्लॉक है उसकी बात की हम मांग कर रहे हैं क्योंकि अगर छत्तीसगढ़ हमें मदद नहीं करता है तो हमारा यूनिट बंद हो जाएगा हमारे राजस्थान में ब्लैक आउट हो जाएगा.
कोयले की आपूर्ती नहीं होने से ठप हो जाएंगे पावर प्लांट
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान के अंदर जो साढे 4 हजार मेगा वाट के पावर प्लांट है वह बंद हो जाएंगे तो हमें बहुत बड़े संकट का सामना करना पड़ेगा इसलिए हमें खुद यहां आना पड़ा. उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि आप इसकी पूरी जांच करवाएंगे और अपने विभाग से इस पर जल्द से जल्द फैसला करेंगे. इस संबंध में पहले भी हमने 2 बार रिक्वेस्ट की थी.
वहीं सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जो कोयला है वह पूरे देश के अंदर जाता है उससे पूरे देश के अंदर बिजली पहुंचती है. उन्होंने कहा कि यहां एनटीपीसी के जितने भी थर्मल पावर प्लांट है चाहे वह सीपत में हो और चाहे वह रायगढ़ का हो चाहे वह भिलाई स्टील प्लांट हो उसकी बिजली गुजरात, उड़ीसा, गोवा, तेलंगाना, महाराष्ट्र समेत जगहों पर जाती है.
स्थानीय लोगों के हितों का रखना है ध्यान
एसईसीएल के माध्यम से छत्तीसगढ़ का कोयला पूरे देश में पहुंचता है लेकिन हमें इस मामले में पर्यावरण का भी ध्यान रखना है और स्थानीय लोगों के हितों का भी ध्यान रखना है. वहीं कोयला खदानों पर उन्होंने कहा कि इन खदानों का एलॉटमेंट भारत सरकार करती है.
जिन राज्यों को जहां आवश्यकता होती है यह उसे एलर्ट करती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की भूमिका केवल इतनी होती है कि जब खदानों का एलॉटमेंट होता है तो वहां से स्थानीय आबादी को पुनर्वास देना और खनन के समय सभी पर्यावरणीय नियमों के पालन को सुनिश्चित करना है.
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