जयपुरः बेरोजगारी को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि केंद्र को ‘‘बिना किसी घमंड’’ के विपक्ष की बात भी सुननी चाहिए. गहलोत ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह अहम को सामने ना रखे बल्कि सोचे कि विपक्षी पार्टिया जो कह रही हैं वह देश हित में कह रही हैं.’’


गहलोत ने कांग्रेस पार्टी के 'स्पीक अप फॉर जॉब' अभियान के तहत एक वीडियो ट्वीट किया. इसमें उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में आलोचना करना कोई बुरी बात नहीं है बल्कि सरकार के हित में होता है..अगर सरकार उसे सकारात्मक रूप में ले तो..लेकिन दुर्भाग्य से हमारे देश के प्रधानमंत्री और उनकी पूरी टीम, उनकी वित्त मंत्री चिंता ही नहीं कर रहे कि विपक्ष कह क्या रहा है.. उसी कारण से आज स्थिति बिगड़ती जा रही है.’’


गहलोत ने कहा कि देश के मौजूदा हालात में सर्वोच्च प्राथमिकता युवाओं को रोजगार देने की होनी चाहिए और उनका मानना है अगर अब भी केंद्र सरकार गंभीर नहीं हुई तो इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे. गहलोत ने कहा कि जब 2014 में राजग सरकार बनी थी, उस समय हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया गया था जो अब सरकार के सामने बहुत बडा प्रश्नचिन्ह है.


गहलोत के अनुसार, ‘‘दुर्भाग्य से लगातार आर्थिक मंदी रही और कोविड-19 आ गया. अर्थव्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई. हालात ये हैं कि आज युवाओं में हाहाकार मचा हुआ है. असंगठित क्षेत्र दुखी है. युवा रोजगार के लिये भटक रहा है, नौकरियां मिल नहीं रहीं, नौकरियां जा रही हैं. यह सिलसिला कब रूकेगा, यह चिंता का विषय बना हुआ है, सबके लिये.’’


गहलोत ने कहा कि जब तक अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं आएगी, तब तक राज्यों और केंद्र में लोगों को रोजगार देना संभव नहीं होगा. लेकिन इस बारे में केंद्र सरकार के स्तर पर कोई सोच नहीं रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण से आज युवाओं में कुंठा जाग्रत हो रही है.
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