Rajasthan: 'बीजेपी वाले लोगों को कर रहे गुमराह', पुलवामा शहीदों की विधवाओं के धरने पर बोले अशोक गहलोत
Pulwama Widows Protest: राजस्थान में कई दिनों से पुलवामा के शहीद जवानों की विधवाएं धरने पर बैठी हैं. ये महिलाएं अनुकंपा के आधार पर दी जाने वाली नौकरी से जुड़े नियमों में बदलाव की मांग कर रही हैं.
Ashok Gehlot On Martyr Widows Protest: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार (12 मार्च) को बीजेपी नेताओं पर लोगों को गुमराह करने और राजस्थान की छवि खराब करने का आरोप लगाया. उन्होंने राज्य की योजना के तहत शहीदों के परिवारों के लिए दिए जा रहे लाभों का बचाव भी किया. सीएम ने कहा कि राजस्थान (Rajasthan) सरकार ने युद्ध विधवाओं को जिस तरह का पैकेज दिया, वह पुलवामा, बालाकोट या कारगिल का हो, देश में कहीं भी मौजूद नहीं है.
अशोक गहलोत ने कहा कि मैं 25 साल पहले जब मुख्यमंत्री था, तब पैकेज लाया था. उन्होंने कहा कि पैकेज के तहत शहीदों के परिवारों को जमीन और आवास आवंटित किए जाते हैं. शहीदों के नाम पर स्कूल बनाए जाते हैं और उनके बच्चों के लिए नौकरियां आरक्षित रखी जाती हैं. मुख्यमंत्री की ये टिप्पणी तीन युद्ध विधवाओं की ओर से किए जा रहे विरोध के बाद आई है.
"लोगों को गुमराह कर रहे"
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वे चार साल बाद नौकरी क्यों मांग रहे हैं? घटना 2019 में हुई थी, लेकिन तब कोई मांग नहीं थी और अब अचानक चार साल बाद मुद्दा उठाया गया है. वे (बीजेपी नेता) लोगों को गुमराह कर रहे हैं और राजस्थान की छवि खराब कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर वे (बीजेपी नेता) इसी तरह से काम करते रहे तो जनता उन्हें करारा जवाब देगी. हम शहीदों के परिवारों को अच्छा पैकेज दे रहे हैं. वे बच्चों के अलावा किसी और के लिए नौकरी कैसे मांग सकते हैं.
धरने पर बैठी हैं पुलवामा शहीदों की पत्नियां
सीएम ने कहा कि वह शनिवार को युद्ध विधवाओं से मिले थे जिन्होंने कहा था कि वे चाहते हैं कि उनके बच्चों के लिए नौकरियां आरक्षित हों. दरअसल, पुलवामा शहीदों की विधवाएं अनुकंपा के आधार पर सिर्फ बच्चों को नहीं बल्कि रिश्तेदारों को भी नौकरी मिल सके, नियमों में ऐसा बदलाव करने सहित अन्य मांगों को लेकर 28 फरवरी से ही प्रदर्शन कर रही हैं. सात दिन पहले उन्होंने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया है. इस मामले को लेकर बीजेपी भी राज्य सरकार को घेर रही है.
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