नई दिल्ली: राजस्थान कांग्रेस में जारी सियासी उठापटक के बीच अब गहलोत सरकार ने सचिन पायलट को उप-मुख्यमंत्री पद से हटा दिया है. साथ ही पार्टी ने उन्हें राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी हटा दिया है. ये फैसला कांग्रेस के विधायक दल की बैठक में लिया गया. दरअसल, सचिन पायलट और उनके समर्थक लगातार दूसरे दिन विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे थे.


कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद गहलोत राज्यपाल से मिलने पहुंचे. पार्टी सूत्रों के अनुसार, गहलोत मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में मिश्र को अवगत करा रहे हैं.उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल में शीघ्र ही बदलाव संभव है.


गहलोत ने कहा- हाईकमान को यह फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि हाईकमान को यह फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि लंबे समय से बीजेपी साजिश रच रही थी और खरीद-फरोख्त का सहारा ले रही थी. हमें पता था कि यह एक बड़ी साजिश थी. हमारे कुछ दोस्त इसकी वजह से भटक गए और दिल्ली चले गए.






अशोक गहलोत ने आगे कहा,'' उनका रुख ऐसा था जैसे आ बैल मुझे मार. कोई भी इस फैसले से खुश नहीं है.''


सचिन पायलट की प्रतिक्रिया


सचिन पायलट ने उपमुख्यमंत्री के पद से हटाए जाने पर पहली प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं.'' साथ ही सचिन पायलट ने अपने ट्विटर का बायो भी बदल दिया है. सचिन पायलट ने बायो में अब टोंक से विधायक, पूर्व केंद्रीय आईटी मंत्री लिखा है.