Azadi Ka Amrit Mahotsav: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में हिंसा और तनाव का माहौल है और इससे मुक्ति मिलनी चाहिए. उन्होंने ये बातें उस वक्त कही जब ब्रह्म कुमारी की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी भी शामिल हुए थे. इस दौरान राजस्थान के सीएम ने गुरुवार की सुबह कहा कि पीएम मोदी की तरफ से कार्यक्रम में जो संदेश पीएम मोदी की तरफ से दिया जाएगा वो कोने-कोने तक पहुंचेगा.
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि उसी हिसाब से हम चाहते हैं कि देश में भाईचारा, शांति और सद्भाव मजबूत हो, इसकी आवश्यकता भी है. उन्होंने कहा कि ऐसा देखने में आ रहा है कि देश के अंदर तनाव और हिंसा का माहौल है. उनसे छुटकारा मिले ये आपकी, हम सबकी इच्छा है. गहलोत ने कहा कि मैं समझता हूं कि सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही समाज को और देश को आगे बढ़ा सकते हैं, जहां पर शांति और विकास होगा.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’, कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है. इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है, साधना भी है. इसमें देश के लिए प्रेरणा भी है, ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है. हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है, और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है.
ये भाव, ये बोध नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है. आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें ‘सबका प्रयास’ शामिल है. उन्होंने कहा कि आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो. एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता औऱ सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो. हम एक ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है, और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं.यॉ
पीएम मोदी ने कहा कि कित्तूर की रानी चेनम्मा, मतंगिनी हाजरा, रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई से लेकर सामाजिक क्षेत्र में अहल्याबाई होल्कर और सावित्रीबाई फुले तक, इन देवियों ने भारत की पहचान बनाए रखी. कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं. और अमृत महोत्सव में देश जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है, उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं.