राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से मांग की है कि कोरोना की वेक्सीन राज्यों को मुफ्त में मुहैया करवाई जाए. अपनी सरकार के दो साल पूरे होने पर बुलाये गए मीडिया संवाद कार्यक्रम में अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र सिंह शेखावत और बीजेपी नेता जफ़र इस्लाम समेत दूसरे कई नेताओं ने उनकी सरकार गिराने के लिए पूरा जोर लगाया मगर कामयाब नहीं हुए. गहलोत ने कहा राजस्थान की जनता इसका बदला बीजेपी से जरुर लेगी क्योंकि बीजेपी ने चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया.


करीब दस महीने बाद मीडिया से रुबरु हुए गहलोत ने तंज कसा कि बीजेपी वैसे तो किसी भी मुसलमान को टिकट नहीं देती लेकिन एक मुसलमान का सहयोग लेकर उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की गई.


अपने कई वरिष्ठ मत्रियों और कांग्रेस महासचिव अजय माकन के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर रहे गहलोत ने केंद्र के साथ साथ राज्यपाल कलराज मिश्र पर भी प्रहार किया. गहलोत बोले हमने मॉब लींचिंग समेत किसानों से जुड़े कई बिल विधानसभा में पारित किये मगर राज्यपाल उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजने की बजाय खुद रखकर बैठे है. गहलोत ने पी एम नरेद्र मोदी पर भी राजस्थान में किसानों की कर्ज माफ़ी के मुद्दे पर झूठे आरोप लगाने की बात कही.


गहलोत बोले कि पीएम देश भर के किसानों से बात करने की बजाय सिर्फ बीजेपी शासित मध्य प्रदेश के किसानों से बात कर रहे है. वो कह रहे है कि राजस्थान के किसानों को कर्ज माफ़ी का इंतज़ार है जबकि राजस्थान की बागडोर संभालने के महज दो दिनों के भीतर हमने राज्य के किसानों का बीस हज़ार करोड़ का कर्जा माफ़ कर दिया था.


सीएम गहलोत ने कहा कि हमे को ऑपरेटिव बैंकों का कर्जा माफ़ किया क्योंकि राष्ट्रीयकृत बैंक हमारे अधीन नहीं है.उनका नियंत्रण आरबीआई के पास है और हमने कई पत्र लिखे मगर किसी का जवाब नहीं आया. गहलोत ने कहा कि जब पी एम् मोदी उद्योगपतियों का कई हज़ार करोड़ का कर्जा माफ़ कर सकते है तो किसानों का क्यों नहीं.


गहलोत ने अपने शासन के दौरान बजरी के लगातार फलफूल रहे अवैध कारोबार को लेकर कहा कि ये उनके लिए बहुत पीड़ादायक है. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे को लेकर गहलोत ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें कम हो रही है लेकिन केंद्र सरकार उसको लगातार बढ़ा रही है. केंद्र ने कर के उस हिस्से को कम कर दिया जिसमे राज्य का हिस्सा होता है और अपने हिस्से में कर बढ़ा दिए.


राजस्थान में पेट्रो उत्पादों पर कर की बढ़ी दरों को गहलोत ने अपनी सरकार की मजबूरी बताया. अपने दो साल के शासन में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र के पांच सौ से ज़्यादा बिंदुओं में से आधे को लागू करने को अपनी उपलब्धि बताते हुए गहलोत ने कहा कि कोरोना की वेक्सीन को मुफ्त देने का एलान चुनावी मौसम में बिहार में किया था अब इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए.