Rajasthan CM Race Names: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में से 3 में बीजेपी को जीत हासिल हुई है. पार्टी के हर छोटे से बड़े नेता ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी की जीत बताया है. इन राज्यों में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर चर्चा छिड़ चुकी है. 


इस बीच सबसे ज्यादा हलचल राजस्थान में नजर आ रही है. सूबे के सियासी तराजू में पीएम मोदी के चेहरे का वजन सबपर भारी पड़ गया है. यहां बीजेपी के खेमे में जोश है, जश्न है, उत्साह है और साथ में एक बड़ा सवाल है कि कौन बनेगा मुख्यमंत्री? 


राजस्थान में मामला एक कदम आगे बढ़ता दिखाई पड़ रहा है. राजस्थान के सीएम बनने की रेस में शामिल कुछ नेताओं को दिल्ली में बीजेपी के नेतृत्व से मुलाकात करते देखा गया.


सीपी जोशी और महंत बालकनाथ का दिल्ली प्रवास


दिल्ली में राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सीपी जोशी ने सोमवार (4 दिसंबर) को केंद्रीय गृह मंत्री और पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह से मुलाकात की. वहीं, तिजारा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए अलवर सांसद बाबा बालकनाथ भी दिल्ली में मौजूद रहे. उन्होंने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से उनके दफ्तर में मुलाकात की.


वसुंधरा राजे का शक्ति प्रदर्शन!


वहीं, इन दो नेताओं के दिल्ली में होने की खबरों के बीच सोमवार की शाम होते-होते राजस्थान में बीजेपी की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे के घर पर उनके गुट के विधायकों का हुजूम उमड़ने लगा. कहा जा रहा है कि दिल्ली में बढ़ती हलचल को देखते हुए वसुंधरा राजे ने अपने करीबी विधायकों को डिनर पर बुलाया है. 


वसुंधरा राजे के घर पर जो विधायक डिनर में पहुंचे हैं, उन विधायकों की संख्या 36 हैं यानी करीब-करीब एक तिहाई विधायक उनके समर्थन में नजर आ रहे हैं. 


सीएम की रेस में शामिल हैं कौन से नेता?


दरअसल, नतीजों से पहले बीजेपी के लिए 'मुख्यमंत्री कौन होगा' का ये सवाल जितना हल्का था, अब प्रचंड जीत के बाद ये सवाल उतना ही भारी हो गया है. पिछले 24 घंटे में दिल्ली से जयपुर तक जो हलचल हुई, उसने माहौल और गर्म कर दिया है.सबसे पहले जानते हैं कि राजस्थान में बीजेपी के वो चेहरे कौन हैं, जो मुख्यमंत्री की रेस में हैं.


सबसे पहला नाम है वसुंधरा राजे. जो राजस्थान की मुख्यमंत्री रही हैं. जमीनी नेता की छवि है. इसके अलावा और भी कई वजह हैं, जिसके चलते इनका नाम पहले नंबर है.
 
दूसरा नाम दीया कुमारी का है. राजसमंद से सांसद दीया कुमारी विद्याधरनगर सीट से चुनाव जीतकर विधायक बन गई हैं. बीजेपी अगर किसी महिला को चेहरा बनाती है तो वसुंधरा के बाद इनका ही नाम है.
 
तीसरा नाम है बाबा बालकनाथ का. जिस कमंडल वाली राजनीति के सहारे बीजेपी ने राजस्थान का चुनाव लड़ा. उसमें ये बिल्कुल फिट बैठते हैं. बाबा बालकनाथ अलवर से सांसद हैं और अब तिजारा से विधायक हैं. जाति से यादव हैं यानी ओबीसी.


ऐसा नहीं है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री के लिए सिर्फ तीन चेहरे ही सामने हैं. गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर अर्जुन मेघवाल तक का नाम लिया जा रहा, लेकिन फिलहाल सबकुछ अनुमानों और आशंकाओं के बीच घिरा है. अब इंतजार आलाकमान के आदेश का हो रहा, क्योंकि आखिरकार सीएम की पर्ची वहीं से निकलनी है.


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