Sachin Pilot Update: सचिन पायलट और अशोक गहलोत की पुरानी फाइलें खोल रहा कांग्रेस आलाकमान! पर्दे के पीछे ये नेता भी हुए एक्टिव
Rajasthan Congress: राजस्थान में अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ अनशन करने वाले सचिन पायलट को लेकर आलाकमान अब तक कोई फैसला नहीं कर पाया है लेकिन उनकी और गहलोत की पुरानी फाइलें खोली जा रही हैं.
Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए कथित घोटाले के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ मंगलवार (11 अप्रैल) को मौन अनशन करने वाले सचिन पायलट को लेकर कांग्रेस के भीतर घमासान मचा है. सचिन पायलट के खिलाफ पार्टी आलाकमान क्या कार्रवाई करेगा, इसे लेकर अंदेशा बना हुआ है. इसी बीच सूत्रों के हवाले से पता चला है कि सचिन पायलट को लेकर फैसले में कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी.
राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने फिलहाल कांग्रेस अध्यक्ष को कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अभी बैठकों का दौर जारी रहेगा. रंधावा सचिन पायलट से मिलेंगे. संभव है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी दिल्ली बुलाया जाए.
खोली जा रहीं पुरानी फाइलें!
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अलाकमान की ओर से फैसला लेने में समय इसलिए लग रहा है क्योंकि पायलट के ताजा बयानों की समीक्षा के साथ ही पिछ्ले साल सितंबर में गहलोत की बगावत और उससे पहले 2020 में पायलट की बगावत की फाइलें भी खोली जा रही हैं. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कल से तीन दिनों तक दिल्ली के बाहर रहेंगे. उनके लौटने के बाद ही पायलट पर कोई फैसला लिया जाएगा.
इस वरिष्ठ कांग्रेसी को किया गया एक्टिव
चुनावी साल होने की वजह से कांग्रेस नेतृत्व फूंक-फूंक कर कदम उठाना चाहता है. पार्टी गहलोत और सचिन दोनों को पार्टी एकसाथ रखना चाहती है और फार्मूला इसी के मुताबिक ढूंढा जा रहा है. पर्दे के पीछे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी कमलनाथ को भी एक्टिव (सक्रिय) किया गया है, जिन्होंने बुधवार (12 अप्रैल) को सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की थी.
मंगलवार को किया था पायलट ने राजस्थान सरकार के खिलाफ अनशन
बता दें कि राजस्थान के जयपुर में शहीद स्मारक पर मंगलवार (11 अप्रैल) को अपनी ही पार्टी के खिलाफ मौन अनशन करने को लेकर सचिन पायलट ने कहा था कि बीजेपी के कार्यकाल में जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो पार्टी ने भ्रष्टाचार और घोटालों के कई मामलों के उजागर किया था. तब कांग्रेस ने जनता से वादा किया था कि सत्ता में आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी. अब चार चाल बीत जाने पर भी राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए अनशन करना पड़ा. पायलट ने यह भी कहा था कि उन्होंने सीएम गहलोत को भू माफिया, शराब माफिया और खनन माफिया को लेकर पत्र भी लिखा था, जिसका कोई जवाब नहीं मिला.