Rajasthan Congress: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले राजस्थान में हुई बगावत पर कांग्रेस अब एक्शन के मूड में है. कांग्रेस के उच्च सूत्रों ने बताया है कि राजस्थान में हुई बगावत पर गुजरात चुनाव के बाद फैसला लिया जा सकता है और इसमें गहलोत गुट के नेता नापे जा सकते हैं. ये वही नेता है जिनको कांग्रेस ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. 


दरअसल राजस्थान में 25 सितंबर को बुलाई गई विधायक दल की बैठक से ठीक पहले गहलोत समर्थक विधायकों ने बगावत कर दी थी. जयपुर में दिल्ली से भेजे गये ऑब्जर्वर द्वारा विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में कांग्रेस के लिए विधायक दल का नेता चुना जाना था लेकिन गहलोत गुट के नेताओं के नेतृत्व में ये विधायक अपना इस्तीफा लेकर स्पीकर सीपी जोशी के घर चले गये थे. 


बागियों पर नहीं हुई थी कार्रवाई
उनके इस कदम की वजह से पहले से पहले से प्रस्तावित विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी थी. इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत के करीबी और इस बगावत के सूत्रधार तीन नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था लेकिन इसके बाद इन नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. 


उधर, कभी राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सूबे के डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट लगातार पार्टी हाईकमान पर राज्य में पार्टी विधायकों पर कार्रवाई का दबाव बना रहे हैं. इसी बीच अजय माकन ने राजस्थान में प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया है.


टाइमिंग है महत्वपूर्ण
गुजरात में विधानसभा चुनाव के बाद राजस्थान की बगावत का फैसला होगा. गौर करने वाली बात ये है कि गुजरात में 5 दिसंबर को आखिरी चरण की वोटिंग होगी. तो वहीं, राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही कश्मीर से कन्याकुमारी तक के लिए भारत जोड़ो यात्रा 4 दिसंबर को राजस्थान की सीमा में प्रवेश करेगी. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि आखिर आलाकमान क्या फैसला लेगा और इस फैसले से राज्य में क्या असर पड़ेगा? 


यहां पर इस तथ्य के बारे में भी ध्यान दिलाना जरूरी है कि राजस्थान में अगले साल ही विधानसभा चुनाव है और कांग्रेस यहां पर पिछले पांच सालों से सत्तारूढ़ है.


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