Jalore Student Death Case: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने दलित छात्र की मौत के मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. राजस्थान (Rajasthan) प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि दलितों का भरोसा जीतने के लिए कथनी और करनी एक समान रखनी होगी. जोधपुर हवाई अड्डे से सड़क मार्ग से जालोर (Jalore) रवाना होने से पहले प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने ये टिप्पणी की.
गौरतलब है कि जालोर में शिक्षक के पीने के पानी के बर्तन से कथित रूप से पानी पीने के कारण की गई पिटाई से दलित छात्र की मौत हो गई थी. सचिन पायलट ने कहा, ‘‘ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा करने की आवश्यकता है. हमें ऐसी घटनाओं पर लगाम लगानी होगी. सिर्फ कानून और भाषण पर्याप्त नहीं हैं. उनका भरोसा जीतने के लिए हमें उन तक ठोस संदेश पहंचाने की जरूरत है.’’
मुद्दे के राजनीतिकरण की निंदा की
उन्होंने कहा, ‘मैं (पीड़ित) परिवार से मिलकर उनका दर्द, दुख बांटने और उन्हें सांत्वना देने जा रहा हूं. इस वक्त, मैं आशा करता हूं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी और जो भी कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है, वह की जाएगी.’’ कांग्रेस नेता ने इस मुद्दे के राजनीतिकरण की निंदा की, फिर चाहे यह बीजेपी ने किया हो या उनकी अपनी पार्टी ने.
सीएम अशोक गहलोत ने किया था कटाक्ष
हाल ही के घटनाक्रमों के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक बार फिर आमने-सामने नजर आ रहे हैं. इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान करने वाले बयान को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से पूर्व उपमुख्यमंत्री पर कटाक्ष किया था. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का सम्मान होना चाहिए, यह एक जुमला बन गया है. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ नेता यह कहकर कार्यकर्ताओं को भड़काते हैं कि उनका सम्मान होना चाहिए.
कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान वाले बयान पर छिड़ी जंग
सीएम गहलोत ने कहा था कि, “हमारे ही कुछ नेता कार्यकर्ताओं को भड़काते हैं. कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान होना चाहिए, आजकल यह जुमला हो गया है.” उन्होंने आगे कहा, “कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान आपने किया है क्या कभी? जानते भी हो कि क्या होता है कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान? हम तो मान-सम्मान पाते-पाते ही कार्यकर्ता से नेता बने हैं.” हालांकि, गहलोत ने किसी नेता विशेष का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके इस बयान को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है.
क्या कहा था सचिन पायलट ने?
गौरतलब है कि सचिन पायलट बार-बार ये मांग उठाते हैं कि 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने वाले कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान होना चाहिए. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था, “मुझे पूरा विश्वास है कि अगर हम कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान देंगे और अतिरिक्त मेहनत के साथ जनता के बीच जाएंगे तो जब राज्य में (2023 के आगामी विधानसभा) चुनाव होंगे, उसमें कांग्रेस को जीत मिल सकती है.”
बता दें कि, सोमवार शाम को मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लंपी वायरस संक्रमण पर जनप्रतिनिधियों की सर्वदलीय बैठक के दौरान सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) ने विचार व्यक्त करने के लिए सचिन पायलट (Sachin Pilot) का नाम पुकारा था, लेकिन सचिन पायलट बैठक में मौजूद नहीं थे. इन सभी घटनाक्रमों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राजस्थान (Rajasthan) के सीएम और पूर्व डिप्टी सीएम एक बार फिर आमने-सामने हैं.
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