नई दिल्ली: कांग्रेस विधायक दल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया किया है. प्रस्ताव में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया गया है. कांग्रेस विधायक दल ने पार्टी को कमजोर करने वाले कार्यों की निंदा की. प्रस्ताव में मांग की गयी है कि इस तरह की कार्रवाई में शामिल पदाधिकारियों एवं विधायकों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. बैठक खत्म होने के बाद चार बसें मुख्यमंत्री के आवास के बाहर देखी गईं. इन बसों से विधायकों को रिजॉर्ट भेजा गया है.


राजस्थान में जारी राजनीतिक उठा पटक के बीच कांग्रेस विधायक दल की बैठक जयपुर में मुख्यमंत्री निवास पर हई. पार्टी ने इस बैठक में 109 विधायकों के पहुंचने का दावा किया है. 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत होती है.


बैठक शुरू होने से पहले मीडिया को वहां मौजूद विधायकों व नेताओं की फोटो लेने की अनुमति दी गयी. वहां मौजूद विधायकों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीधा कोई जवाब नहीं दिया.


बैठक में कांग्रेस के साथ साथ बीटीपी के दो, माकपा के एक, आरएलडी के एक विधायक और कांग्रेस का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक भी मौजूद रहे, इसके साथ ही दिल्ली से आए कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल, पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनिवाश पांडे व राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी बैठक में रहे.


'गहलोत सरकार के पास पूर्ण बहुमत'
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित अन्य सभी लोगों के लिए कांग्रेस के दरवाजे हमेशा खुले हैं और खुले रहेंगे.


जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक से पहले संवाददाताओं से बातचीत में सुरजेवाला ने कहा, ''बीजेपी कितने भी षडयंत्र करे, मोदी सरकार कितने भी प्रपंच रचे, बीजेपी कितने भी हथकंडे अपनाये, ईडी, सीबीआई और आईटी कितनी भी छापेमारी करे वे चुनी हुई सरकार को नहीं गिरा पायेंगे क्योंकि यही राजस्थान की जनता का जनमत है.''


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