राजस्थान: मुर्दाघर नहीं होने पर बीच सड़क पर हुआ दो महिलाओं के शवों का पोस्टमॉर्टम, जांच के आदेश
मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने यह कदम मानवीय आधार पर उठाया.
बाड़मेर: राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक स्वास्थ्य केंद्र में मुर्दाघर नहीं होने की वजह से दो महिलाओं के शवों का पोस्टमॉर्टम बीच सड़क पर किया गया. मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने यह कदम मानवीय आधार पर उठाया.
घटना जिले के तामलोर गांव की है जहां मंगलवार को दो महिलाओं की करंट लगने से मौत हो गई थी. माया कंवर (30) अपने घर की छत पर कपड़े सुखा रही थी तो लोहे के तार में प्रवाहित करंट की चपेट में आ गयी. उसे बचाने के प्रयास में उसकी सास राजू देवी भी करंट की चपेट में आ गई. हादसे में दोनों की मौत हो गयी. वहीं माया का पति घायल हो गया था.
जानकारी के अनुसार दोनों महिलाओं के शवों को मंगलवार को गडरा रोड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रखा गया जहां बुधवार देर शाम इनका पोस्टमॉर्टम किया गया. बताया जाता है कि मुर्दाघर के अभाव में दोनों शवों का पोस्टमॉर्टम खुले में सड़क पर किया गया.
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इस मामले में बाड़मेर के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डा. कमलेश चौधरी ने कहा कि गडरा रोड और बाड़मेर के बीच सौ किलोमीटर की दूरी में कहीं भी मुर्दाघर की सुविधा नहीं है. ऐसे में पुलिस और परिजनों के आग्रह पर मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए पोस्टमॉर्टम किया गया है. उन्होंने दावा किया कि इस दौरान प्रोटोकॉल के नियमों का पालन किया गया है.
#Rajasthan: Doctors allegedly performed post-mortem of two bodies on road outside govt hospital in Barmer. Two women had died due to electrocution on Tuesday. Rajesh Kumar, Addl Dist Collector, says, "Considering the news story, investigation underway. Report awaited." (26.9) pic.twitter.com/2A4wxhALub
— ANI (@ANI) September 27, 2018
हालांकि स्थानीय ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग के इस दावे से संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि यह पहला मामला नहीं है. आए दिन मोर्चरी के अभाव में इसी तरह खुले में पोस्टमॉर्टम किए जाते हैं. वहीं अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार ने मामले की जांच के आदेश दे दिये हैं.