Rajasthan Election: 'भूलो और माफ करो...', सचिन पायलट का जिक्र कर बोले अशोक गहलोत, टिकट बंटवारे पर भी दिया अहम बयान
Rajasthan Assembly Election 2023: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों के टिकट कटने के सवाल पर कहा कि ऐसा विकल्प होने पर ही किया जाता है.
Ashok Gehlot On Sachin Pilot: राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर जोर-शोर से चल रही तैयारियों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट से मतभेद के दावे को खारिज किया. उन्होंने कहा कि सभी फैसले हम मिलकर कर रहे हैं.
उम्मीदवारों की घोषणा में देरी और मतभेद को लेकर पूछे गए सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा, ''सभी फैसले सबकी राय से हो रहे हैं. शायद आप सचिन पायलट का जिक्र कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी को यही तकलीफ है कि सभी फैसले आम राय से हो रहे हैं.''
बागियों की टिकट काटने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि पुरानी बातें हम भूल चुके हैं. हमारी नीति है, भूलो और माफ करो. टिकट का आधार जिताऊ उम्मीदवार है. दरअसल राजस्थान विधानसभा की दो सौ सीटों पर 25 नवंबर को वोटिंग होगी. इसका रिजल्ट तीन दिसंबर को आएगा.
अशोक गहलोत ने क्या कहा?
बड़ी संख्या में टिकट कटने पर अशोक गहलोत ने कहा, ''राजस्थान में कोई एंटी इनकम्बेंसी नहीं है. सीएम पर कोई आरोप नहीं है. विधायकों से थोड़ी नाराजगी है. भ्रष्टाचार के आरोप है, लेकिन टिकट तब कटते हैं जब विकल्प हो.
सचिन पायलट और अशोक गहलोत में क्यों मतभेद हुए थे?
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने दावा किया था कि सीएम अशोक गहलोत पूर्व मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे की सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. इसको लेकर उन्हें (अशोक गहलोत) को लेटर भी लिखा, लेकिन वो जवाब नहीं देते. इस कारण दोनों नेताओं के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई बार मीटिंग कर एकजुटता की बात दोहराई थी.
साल 2020 में सचिन पायलट के नेतृत्व में कई विधायकों ने बगावत कर दी थी, लेकिन बाद में आलाकमान के दखल के बाद मामला सुलझ गया. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गहलोत ने इसको लेकर हाल ही में दावा किया था कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार गिराने की कोशिश की, लेकिन गिरा नहीं पाए.
इनपुट भाषा से भी.