(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
राजस्थान चुनाव: विधानसभा में ट्रैक्टर लेकर घुस जाने वाले बलजीत यादव की कहानी
Rajasthan Politics: राजस्थान के बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव का पॉलिटिकल करियर किसी रोमांचक फिल्म से कम नहीं हैं. शुरू से लेकर आज तक उनका विवादों के साथ खास नाता रहा है.
Baljeet Yadav: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव हैं और तमाम राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. इस बीच एक ऐसे नेता की चर्चा भी होने लगी हैं, जिनका राजनीतिक करियर शुरू से लेकर अभी तक किसी फिल्म की स्टोरी की तरह रहा है. इनका नाम बलजीत यादव है. प्रदेश में यादव राजनीति के प्रमुख केंद्र अलवर जिले के बहरोड़ से विधायक बलजीत ने विधानसभा परिसर में ट्रैक्टर तक चला दिया था. अपने चुनाव चिन्ह ट्रैक्टर को दिखाते हुए उन्होंने खुद को 'किसान का बेटा' कहा था.
अब चार साल बाद, बलजीत एक बार फिर विरोध के अपने अनोखे तरीके के लिए चर्चा में हैं. सोमवार (6 फरवरी) को काले कपड़े पहनकर बलजीत यादव बेरोजगारी, पानी की अनुपलब्धता, किसानों के लिए बिजली और अन्य मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए जयपुर के सेंट्रल पार्क में सूर्योदय से सूर्यास्त तक दौड़ते रहे. उन्होंने मार्च 2022 में भी इसी तरह की दौड़ लगाई थी.
'मैं पहले भी दौड़ा था'
यहां बलजीत यादव ने संवाददाताओं से कहा, 'दस महीने पहले, मैं इन मुद्दों की ओर सरकार का ध्यान खींचने के लिए दौड़ा था. गांवों के लोग ज्यादातर सेना में या शिक्षक और पुलिस के रूप में रोजगार की तलाश करते हैं. शिक्षक भर्ती परीक्षाओं, कांस्टेबल भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक हो जाते हैं...प्रश्नपत्र इतना कठिन सेट किया जाता है जैसे कि यह आईएएस परीक्षा हो...इसलिए हम लड़ रहे हैं.'
बीजेपी सांसद पर बोला था तीखा हमला
44 वर्षीय विधायक जनवरी में भी चर्चा में थे, जब उन्होंने डीएसपी रैंक के पुलिस अधिकारी को धमकी देने के वीडियो के वायरल होने के बाद अलवर के BJP सांसद बालक नाथ पर तीखा हमला किया था. बलजीत ने कहा था, 'मैं बालक नाथ जी से कहना चाहता हूं कि जब तक आप जीवित हैं, जब आप सोचते हैं कि आपके पास बहुत अधिक शक्ति है, तो इस एक अधिकारी के बच्चे ही नहीं, अगर आपने किसी भी अच्छे व्यक्ति के बच्चों पर नजर डाली, तो मैं तुम्हारा चेहरा लाल कर दूंगा. आपके कृत्य ने हिंदू धर्म का अपमान किया है. मैं संत समुदाय से अपील करता हूं कि वे आपको बहिष्कृत करें.'
बीजेपी और कांग्रेस दोनों को हराया
2018 में बलजीत विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें बहरोड़ से टिकट देने से इनकार कर दिया. जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा. उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी दोनों उम्मीदवारों को हराकर सीट पर कब्जा किया. निर्वाचन क्षेत्र में उनका प्रभाव 2013 के चुनावों में भी स्पष्ट था, जब वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के बावजूद उपविजेता रहे.
बलजीत का निर्वाचन क्षेत्र में दबदबा कायम है. उन्हें नाथ के घोर विरोधी के रूप में जाना जाता है, जो कथित तौर पर बहरोड़ से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ना चाह रहे हैं. दिसंबर 2020 में, बलजीत लाठी के साथ स्टेडियम पहुंच गए थे और उन्होंने बीजेपी के पूर्व मंत्री जसवंत सिंह को खुली चुनौती दी थी.
नवंबर 2022 में उन्होंने बहरोड़ के लोगों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए. वहीं, 2017 में जब पहलू खान लिंचिंग की घटना ने राज्य में तूफान खड़ा कर दिया था, तो बलजीत ने उन लोगों का समर्थन किया, जिन्हें खान ने हमलावर बताया था. उन्होंने दावा किया कि मामले में बहरोड़ के निर्दोष लोगों को फंसाया गया है. राज्य पुलिस ने बाद में उन छह लोगों को क्लीन चिट दे दी थी, जिनका खान ने नाम लिया था.
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