Rajasthan Election 2023: मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान के लिए भी बीजेपी की लिस्ट जल्दी आने वाली है. कोर ग्रुप की बैठक के बाद पहली लिस्ट पर मुहर लगाई जा सकती है, लेकिन लिस्ट आने से पहले अटकलें तेज हैं कि राजस्थान में भी बीजेपी मध्य प्रदेश का फॉर्मूला अपना सकती है. यानी केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को टिकट दिया जा सकता है.


कोर ग्रुप की बैठक के लिए बुधवार (27 सितंब) की शाम को गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर पहुंचे. बैठक में बीएल संतोष, सीपी जोशी, वसुंधरा राजे, राजेंद्र राठौड़, अर्जुन मेघवाल, कैलाश चौधरी, प्रह्लाद जोशी, अरुण सिंह, नितिन पटेल, कुलदीप बिश्नोई, विजया रहाटकर, राज्यवर्धन राठौर, सतीश पुनिया, नारायण पचोरिया समेत अन्य नेता मौजूद रहे.


बैठक के बाद बीजेपी नेता सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी पहले से ही बुस्टअप है. राजस्थान में मजबूती से सरकार बनेगी. मेरा जितना काम था वो मैं करके आ गया.


जो चर्चाएं हैं उसके मुताबिक, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के अलावा राज्यवर्धन सिंह राठौड़, स्वामी सुमेधानंद सरस्वती और किरोड़ी लाल मीणा को बीजेपी उम्मीदवार बना सकती है.


इससे पहले मध्य प्रदेश में जब दूसरी लिस्ट जारी की गई तो उसमें 3 केंद्रीय मंत्री समेत 7 सांसदों का नाम था. इनके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी उम्मीदवार बनाया गया है. कैलाश विजयवर्गीय टिकट मिलने के बाद कह रहे हैं कि मेरी चुनाव लड़ने की जरा भी इच्छा नहीं है और उनके इस बयान को आधार बनाकर कांग्रेस बीजेपी की लिस्ट पर निशाना साध रही है. कांग्रेस ने कहा कि दिग्गजों को उतारना बीजेपी की घबराहट का नतीजा है और हार का संकेत है. 


वो नेता जिनपर बीजेपी लगा सकती है दांव-


गजेंद्र सिंह शेखावत
शेखावत केंद्र सरकार में जलशक्ति मंत्री है और जोधपुर से लगातार दो बार से सांसद हैं. राजपूत जाति से आते हैं. जोधपुर में 10 विधानसभा सीटें हैं. 2018 के चुनाव में 2 पर BJP ने जीत दर्ज की थी.


कैलाश चौधरी                                  
चौधरी केंद्र सरकार में कृषि राज्यमंत्री हैं. बाड़मेर से सांसद हैं. जाट समुदाय से आने वाले चौधरी बायतु से विधायक रह चुके हैं. बाड़मेर में विधानसभा की 7 सीटें हैं. 2018 में 1 सीट पर BJP जीती थी.


स्वामी सुमेधानंद
स्वामी सुमेधानंद सीकर से लगातार दो बार सांसद है. पड़ोसी राज्य हरियाणा से ताल्लुक रखते है. जाट समुदाय से आने वाले सुमेधानंद पिपराली कस्बे में आश्रम में रहते हैं. सीकर में 8 विधानसभा सीटें हैं. 2018 में BJP एक भी सीट नहीं जीत सकी थी.


ओम बिरला
लोकसभा स्पीकर हैं और कोटा से 2 बार सांसद और 3 बार विधायक रह चुके हैं. मारवाड़ी समुदाय से आते हैं. कोटा में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं. 2018 में BJP 3 सीटें जीती थी.


राज्यवर्धन सिंह राठौर
BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. जयपुर ग्रामीण से लगातार 2 बार से सांसद हैं. केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री रह चुके हैं. जयपुर में कुल 19 विधानसभा सीटें हैं. 2018 के चुनाव में BJP 6 सीटें जीती थी.


किरोड़ी लाल मीणा  
मीणा राज्यसभा सांसद हैं. राजस्थान सरकार में मंत्री रह चुके हैं और 5 बार विधायक रहे हैं.  मीणा जाति के बड़े नेताओं में शुमार हैं. दौसा में 5 विधानसभा सीटें हैं. 2018 में BJP एक भी नहीं जीत सकी थी.


बीजेपी क्यों उठा रही है कदम?
बीजेपी मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किए बगैर चुनाव में जाने के प्लान में है. यानि इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चेहरा नहीं होंगी. ऐसे में BJP के पास CM चुनने का मौका होगा. अपने विकास कामों को मुद्दा बनाएंगे. मोदी सरकार की योजनाएं बताएंगे और सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का संदेश दिया जाएगा. 


सांसदों को टिकट दिए जाने पर मंगलवार (27 सितंबर) को जब राजस्थान बीजेपी के प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सांसद को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए ऐसा कहीं प्रावधान नहीं है. कांग्रेस ने पहले ऐसा किया है. राजस्थान की लिस्ट जल्द आएगी.


मध्य प्रदेश में 12 साल की नाबालिग से हैवानियत पर फूटा राहुल गांधी का गुस्सा, कहा- 'पूरा देश शर्मसार है'