Congress Meeting: इस साल के आखिर में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार (6 जुलाई) को बैठक की. इस मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस नेता सचिन पायलट, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा सहित कई नेता शामिल हुए. 


एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया कि पायलट ने मीटिंग के दौरान कहा कि हम सबका एक ही गुट हैं, वो राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे गुट है. वहीं शीर्ष नेताओं ने गहलोत सरकार की तारीफ की, लेकिन दलित उत्पीड़न के मामलों में कड़ी कार्रवाई करने को भी कहा. प्रदेश कांग्रेस के सभी नेताओं ने कहा कि आलाकमान जो भी फैसला करे वो मंजूर होगा. 


राहुल गांधी ने क्या दावा किया?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक के बाद फेसबुक पोस्ट में कहा कि खरगे के नेतृत्व में राजस्थान कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस राजस्थान में एक बार फिर सरकार बनाएगी और जनता के बेहतर भविष्य के लिए कार्य करती रहेगी. 


मीटिंग में क्या निर्णय हुआ?
बैठक के बाद केसी वेणुगोपाल ने बताया, ''मीटिंग में सीएम और पीसीसी चीफ समेत राजस्थान कांग्रेस के 29 नेता शामिल हुए. सभी नेताओं ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि कांग्रेस राजस्थान चुनाव जीत सकती है. बशर्ते राजस्थान कांग्रेस में एकजुटता हो. आज सभी नेताओं ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.'' उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के जीतने की क्षमता के आधार पर उनका चयन किया जाएगा. उम्मीदवारों की सूची सितंबर के पहले सप्ताह में घोषित की जाएगी. 


उन्होंने बताया कि पार्टी ने तय किया कि हर किसी को अनुशासन का पालन करना होगा. इसके तहत किसी भी मुद्दे पर चर्चा पार्टी के भीतर होगी. किसी के पास स्वतंत्रता नहीं है कि पार्टी के आतंरिक राजनीति के बारे में पार्टी के बाहर कोई बोले. ऐसा कोई करेगा तो कार्रवाई होगी. ऐसे समय में उन्होंने ये बात कही है जब पिछले दिनों गहलोत और पायलट के बीच जमकर बयानबाजी हुई थी. 


मल्लिकार्जुन खरगे क्या बोले?
खरगे ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में समावेशी विकास और जन-कल्याण की योजनाओं को घर-घर पहुंचाया है. राजस्थान का हर वर्ग -किसान, खेत,मज़दूर, युवा, महिलाएं  और समाज का हर एक वर्ग कांग्रेस पार्टी में अपनी आस्था व्यक्त कर रहा है. हम सब की आकांक्षाओं का ख़्याल रखेंगे. राजस्थान का वर्तमान और भविष्य दोनों कांग्रेस के हाथों में सुरक्षित है. इस बार इतिहास बदलेगा. 


सचिन पायलट ने क्या मांग की थी?
इस बैठक को सीएम अशोक गहलोत और पूर्व उप -मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के विवाद को सुलझाने के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है क्योंकि पायलट ने अपनी 'जन संघर्ष यात्रा' के दौरान प्रदेश सरकार के समक्ष तीन मांग रखी थीं.इनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का पुनर्गठन, सरकारी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक से प्रभावित युवाओं को मुआवजा और पिछली वसुंधरा राजे सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप की उच्च स्तरीय जांच शामिल थी. 


पहले भी हुई बैठक 
गहलोत और पायलट के बीच विवाद सुलझाने को लेकर कांग्रेस नेतृत्व दोनों नेताओं के साथ कई बार बैठक कर चुका है. हाल ही में खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मैराथन मीटिंग के बाद कांग्रेस ने कहा था कि दोनों नेता आगामी विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सहमत हैं. उनके बीच के मुद्दों का समाधान आलाकमान करेगा. 


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