राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में अतिक्रमण को लेकर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को मौके पर पहुंचे जिला प्रशासन के सामने अतिक्रमण में टूटे हुए घरों के आश्रितों ने प्रदर्शन किया. इस इलाके में अब तक 140 से ज्यादा दुकानें तोड़ी जा चुकी है. नगर परिषद की बैठक में लिए गए फैसले के बाद मास्टर प्लान के तहत सराय बाजार में ये कार्रवाई 17-18 अप्रैल को की गयी.
 
सोमवार को अलवर जिला कलेक्टर और एसपी राजगढ़ के घटनास्थल पर पहुंचे. जिला कलेक्टर नकाते शिवप्रसाद और एसपी तेजस्वनी गौतम ने मौके पर पहुंचकर ध्वस्त किए गए मकान, दुकान और मंदिरों का मौका मुआयना किया. हालांकि इस बीच उन्हें इस कार्रवाई से प्रभावित हुए लोगों का विरोध देखने को मिला. 


उग्र हुए प्रदर्शन कर रहे लोग


सराय बाजार के मौका मुआयने के दौरान धरने पर बैठे लोगों की ओर से प्रशासन और ईओ के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान सड़क पर नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया गया. प्रदर्शन को उग्र होता देख पुलिस कुछ लोगों को गाड़ी में बैठाने लगी तो लोग भड़क गए. इस पर थोड़ी ही देर बाद उन्हें गाड़ी से उतारा गया तब जाकर मामला शांत हुआ. धरने पर बैठे लोगों का कहना था कि शांतिपूर्ण चल रहे धरने को पुलिस और प्रशासन की ओर से कुचलने का प्रयास किया गया है इसे जनता बर्दाश्त नहीं करेगी.


प्रभावित लोगों को किया गया है निश्चित


एबीपी न्यूज़ से बातचीत में जिला कलेक्टर ने बताया कि अतिक्रमण से प्रभावित लोगों को चिन्हित किया गया है. प्रभावित लोगों ने कलेक्टर को बताया कि उनके पास जमीन से जुड़े कागजात और पट्टे हैं. जो मुआवजा बनता है और इनका पुनर्वास कैसे कर सकते हैं, उनके वैध दस्तावेजों के आधार पर हम आगे का निर्णय करेंगे. 


साथ ही बिजली पानी की जो समस्या थी, वह व्यवस्था भी काफी हद तक दूर कर दी गई है. जो समस्या अभी भी है तो हम आने वाले दिनों में उसको भी दूर कर देंगे. जो लोग बिल्कुल ही बेघर हो गए है. उन प्रभावित लोगों को धर्मशाला, रैन बसेरों में रुकवाने की व्यवस्था की जाएगी और खाने-पीने की व्यवस्था हम इंदिरा रसोई से करेंगे.


घर और दुकान का किया जाएगा सर्वे 


वहीं मुआवजे से संबंधित सवाल पर उन्होंने बताया कि निश्चित रूप से लोगों ने अपनी बातें कही है. इसको लेकर हर घर और दुकान का सर्वे किया जाएगा और सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक दस्तावेज के आधार पर निर्णय लिया जाएगा. वहीं उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में संवेदनशीलता रखी जाएगी. कैसे उनका पुनर्स्थापन हो हम इसी पर फोकस रखेंगे. अधिकारियों ने जांच के संबंध में जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है. 


उन्होंने बताया कि डीएलबी के डिप्टी डायरेक्टर और लोकल बॉडी इस मामले की जांच कर रहे हैं. डीएम ने बताया कि नगरपालिका और उपखंड अधिकारी की भूमिका की जांच बीड़ा कमिश्नर करेंगे. जांच के अनुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी. जितनी भी दुकान, मकान और मंदिर हैं, उनका जिस तरीके से पुनर्वास हो सकता होगा उसी दिशा में सही तरीके से कानूनी रूप से आगे की कार्यवाही की जाएगी.


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