Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में सोमवार (24 जुलाई) को जोरदार हंगामा देखने को मिला. बर्खास्त किए गए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) और मुख्‍य विपक्षी दल बीजेपी के विधायकों के हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. राजेंद्र गुढ़ा ने रोते हुए उनके साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया. इस दौरान एक लाल डायरी (Red Diary) को लेकर भी काफी चर्चा रही. जानिए इस मामले से जुड़ी बड़ी बातें.


1. राजस्थान में मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सोमवार को विधानसभा का शून्यकाल शुरू होते ही लाल रंग की एक डायरी लेकर विधानसभा अध्यक्ष के सामने पहुंच गए. उन्होंने वह डायरी अध्यक्ष को देनी चाही, लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें अनुमति नहीं दी. इसके बाद राजेंद्र गुढ़ा संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल की ओर बढ़े और दोनों में कुछ बहस हुई.


2. कांग्रेस विधायक रफीक खान ने गुढ़ा को एक तरफ किया. सत्ता पक्ष के कई मंत्री भी वहां पहुंच गए. इस दौरान माहौल काफी गर्मागर्मी वाला दिखा. सदन में बीजेपी विधायकों ने लाल डायरी को लेकर जवाब मांगते हुए नारेबाजी की. विपक्ष के कई विधायकों ने प्रतीकात्मक 'लाल डायरी' ले रखी थीं. इस हंगामे के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा की. इसके बाद राजेंद्र गुढ़ा और बीजेपी विधायक मदन दिलावर को अभद्र व्यवहार के लिए मौजूद विधानसभा की शेष अवधि के लिये निलंबित कर दिया गया.  


3. राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने विधानसभा के बाहर कहा कि मैं बस शांति कुमार धारीवाल के माइक के जरिए बोलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मुझे अनुमति नहीं दी गई. लगभग 20-30 विधायक मेरे पीछे आए. मेरे साथ बुरी तरह से मारपीट की गई. उन्होंने मेरे साथ ऐसा क्यों किया. मैंने माफी मांगने का निर्णय नहीं लिया. मैंने संघर्ष करने का निर्णय लिया है. मैंने कोई गलती नहीं की है. राजस्थान महिला के प्रति अत्याचार में नंबर 1 पर आ गया है. मुझ पर झूठे मुकदमें लगाए गए हैं.


4. कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाते हुए राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि कांग्रेस के सारे नेता बलात्कारी हैं. इन सबका नार्को टेस्ट कराओ. अजमेर सेक्स कांड में इन सबका हाथ है. अगर महिलाओं के साथ बदसलूकी की कोई डिग्री होती तो कांग्रेसियों को पीएचडी की डिग्री मिल जाती. उन्होंने कहा कि लगभग 50 लोगों ने मुझ पर हमला किया, मुझे मुक्का मारा, लात मारी और कांग्रेस नेताओं ने मुझे विधानसभा से खींचकर बाहर निकाल दिया. अध्यक्ष ने मुझे बोलने तक नहीं दिया. मेरे ऊपर आरोप लगे कि मैं बीजेपी के साथ हूं. मैं जानना चाहता हूं कि मेरी गलती क्या है.






5. राजस्थान सरकार में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि अगर लाल डायरी है तो वे लाएं. ये सब मनगढ़ंत बातें हैं. ये सब एक योजनाबद्ध तरीके से किया गया है जिससे राजस्थान सरकार और अशोक गहलोत को बदनाम किया जा सके. वे विरोधियों के हाथों द्वारा खेले जा रहे हैं. वहीं मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी झूठ और फरेब की राजनीति करती है. उनके पास अपने मुद्दे और मांगें नहीं हैं. पिछले साढ़े चार साल में बीजेपी राजस्थान में विपक्ष के तौर पर कोई प्रभाव नहीं डाल पाई है. 


6. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछना चाहता हूं कि ये 'लाल डायरी' क्या है? इसे लेकर सरकार में बेचैनी क्यों है. क्यों गहलोत सरकार डरी हुई है. राजेंद्र गुढ़ा पर एक समय गहलोत का आशीर्वाद था. लाल डायरी का रहस्य राजस्थान की जनता जानना चाहती है. कांग्रेस के मंत्री लाल डायरी क्यों छीन रहे थे. शेखावत ने कहा कि डायरी में राजस्थान के हुए भ्रष्टाचार का हिसाब-किताब है. गुढ़ा को चुप रखने के लिए मंत्री पद से नवाजा गया था. आज उनके जमीर की आवाज आई तो सरकार डर गई. जो कुछ हुआ अच्छा नहीं हुआ, ये परंपरा नहीं थी. ये काला अध्याय लिखा गया. 


7. बर्खास्त मंत्री गुढ़ा ने दावा किया कि ये डायरी उन्हें राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के आवास पर आयकर विभाग के छापे के दौरान मिली थी. छापे के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें डायरी सुरक्षित करने के लिए राठौड़ के आवास पर जाने के लिए कहा था और उन्होंने ऐसा ही किया. गुढ़ा ने दावा किया कि धर्मेंद्र राठौड़ की ओर से लिखी गई डायरी में अनियमित वित्तीय लेनदेन का ब्यौरा है और इसमें मुख्‍यमंत्री और उनके बेटे का नाम है. डायरी में विधायकों की खरीद-फरोख्त का ब्योरा है और सैकड़ों करोड़ का हिसाब है. 



8. राजेंद्र गुढ़ा का आरोप है कि कांग्रेस विधायकों ने उनसे डायरी का एक हिस्सा छीन लिया. बावजूद इसके लाल डायरी का एक हिस्सा अब भी उनके पास है. गुढ़ा का दावा है कि डायरी की जांच हो जाए तो सरकार संकट में आ जाएगी. कांग्रेस के कई नेताओं को जेल हो सकती है. राजेंद्र गुढ़ा जिस तरफ इशारा कर रहे हैं वो घटना साल 2020 की है. ये वो वक्त था जब सचिन पायलट के गुट ने बगावत कर दी थी और सीएम गहलोत के करीबी राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौड़ के ठिकानों पर आयकर का छापा पड़ा था. 



9. गुढ़ा ने दावा किया कि डायरी में साल 2020 के सियासी घमासान और राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के दौरान हुए लेन-देन का जिक्र है. डायरी में राज्यसभा चुनाव के दौरान विपक्षी विधायकों को तोड़ने की रणनीति का जिक्र है. इस डायरी में राज्यसभा चुनाव से जुड़ा हिसाब-किताब है. डायरी में तमाम दूसरी गोपनीय राजनीतिक बातें भी दर्ज हैं. इससे पहले नवंबर 2022 में भी गुढ़ा ने इस डायरी का जिक्र किया था.

 

10. राजेंद्र सिंह गुढ़ा चंद महीने पहले तक अशोक गहलोत के करीबियों में शुमार थे. राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने पहला चुनाव 2008 में बीएसपी के टिकट पर जीता था. बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे. 2015 में गुढ़ा फिर बीएसपी में शामिल हो गए थे. 2018 का चुनाव भी बीएसपी के टिकट पर जीते थे. फिर सितंबर 2019 में 6 बीएसपी विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे. नवंबर 2021 में राजेंद्र गुढ़ा को राज्य मंत्री बनाया गया था. पिछले एक साल से गुढ़ा पायलट के समर्थन और गहलोत के विरोध में बयानबाजी करते रहे हैं. 

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