Rajasthan Portfolio: सीएम गहलोत के पास गृह और वित्त विभाग बरकरार, विभागों के बंटवारे में सचिन पायलट खेमे के मंत्रियों का भी रखा गया पूरा ध्यान
Rajasthan Portfolio Allocation: सीएम अशोक गहलोत ने वित्त और गृह विभाग फिर से अपने पास ही रखा है. रमेश चंद मीणा को पंचायती राज विभाग, बृजेंद्र ओला को परिवहन विभाग का स्वतंत्र प्रभार मिला है.
Rajasthan Portfolio: राजस्थान में रविवार को हुए अशोक गहलोत मंत्रिमंडल के पहले फेरबदल के अगले दिन सोमवार सभी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया. अब सरकार में मंत्री के सभी तीस पद भरे हुए हैं लेकिन इसके बावजूद सीएम अशोक गहलोत ने सबसे पावर फ़ुल कहे जाने वाले वित्त और गृह विभाग किसी मंत्री को नही दिए. ये दोनों महकमे खुद गहलोत ही सम्भाल रहे थे और आगे भी ये विभाग उनके अधीन ही रहेंगे.
विभागों के बंटवारे में सचिन के समर्थक मंत्रियों का पूरा ध्यान
राजस्थान में मंत्रियों के विभागों के वितरण में सचिन पायलट समर्थक मंत्रियों का पूरा ध्यान रखा गया है. सचिन समर्थक कुल पांच विधायक मंत्री बने हैं और इनमें सबसे ज़्यादा फ़ायदा हुआ है राज्य मंत्री बने बृजेंद्र ओला को. ओला को जब राज्य मंत्री की शपथ दिलाई गई तो वो ख़ुश नही थे लेकिन उन्हें अच्छे विभाग का आश्वासन देकर मनाया गया और उन्हें मिला परिवहन विभाग का स्वतंत्र प्रभार. ओला राज्य मंत्री बनकर भी अच्छा विभाग हासिल कर गए जबकि सचिन पायलट की बग़ावत के वक़्त मंत्री पद से बर्खास्त हुए विश्वेंद्र सिंह के हिस्से उनका पुराना विभाग ही आया. विश्वेंद्र को पर्यटन विभाग का ज़िम्मा मिला है.
रमेश चंद मीणा को पंचायती राज विभाग
सचिन पायलट के समर्थक कैबिनेट मंत्री रमेश चंद मीणा को भी काफ़ी महत्वपूर्ण विभाग मिला है. उन्हें ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग मिला है. रमेश मीणा को भी बग़ावत की वजह से मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया गया था तब उनके पास खाद्य विभाग था. सचिन समर्थक हेमा राम चौधरी को वन विभाग जैसे बेहतरीन विभाग का कामकाज मिला है तो एक अन्य राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा को भी कृषि विपणन विभाग का दायित्व दिया गया है. इस तरह अपने समर्थकों को सचिन ने आख़िर अच्छे और महत्वपूर्ण विभाग दिलवा ही दिए हैं.
बीडी कल्ला को स्कूली शिक्षा विभाग
राजस्थान में विभागों के बंटवारे में अशोक गहलोत ने अपने नज़दीकी मंत्रियों का भी पूरा ध्यान रखा है. उन्होंने शांति धारीवाल के पहले की तरह नगरीय विकास और आवासन विभाग का मंत्री बनाए रखा तो अपने बेहद ख़ास नए मंत्री बने महेश जोशी को जलदाय जैसा महत्त्वपूर्ण विभाग दिया है. सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना, कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया, अल्प संख्यक मामलों के मंत्री सालेह मुहम्मद और महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश के पहले वाले विभाग ही रहेंगे. इस फेरबदल में सबसे ज़्यादा भार कैबिनेट मंत्री बी डी कल्ला का कम हुआ है. कल्ला के पास जलदाय, ऊर्जा और कला एवं संस्कृति विभाग थे और अब उन्हें स्कूली शिक्षा विभाग दिया गया है. कल्ला ये विभाग पहले भी सम्भाल चुके है.
राम लाल जाट को राजस्व विभाग
गहलोत सरकार के सबसे मुखर मंत्री प्रताप सिंह खाचारियावास को इस फेरबदल में सबसे ज़्यादा नुक़सान हुआ है. प्रताप सिंह से परिवहन विभाग लेकर उन्हें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति जैसा कम महत्व वाला विभाग दे दिया गया है. गहलोत के नज़दीकी राम लाल जाट जो कैबिनेट मंत्री बने है उन्हें राजस्व जैसा विभाग मिला है. ये विभाग पहले एक जाट मंत्री हरीश चौधरी के पास था और अब दूसरे जाट मंत्री रामलाल को मिला है. अब तक वन विभाग का ज़िम्मा सम्भाल रहे सुखराम विश्नोई को भी फेरबदल से नुक़सान हुआ और उन्हें वहां से श्रम विभाग में भेज दिया गया है.
परसादी लाल मीणा को चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग
कैबिनेट मंत्री बनाई गईं शकुंतला रावत को उद्योग जैसा महत्वपूर्ण विभाग मिला है जबकि उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा को चिकित्सा और स्वास्थ्य जैसा बड़ा महकमा मिला है. बीएसपी के छह विधायक गहलोत सरकार को समर्थन देने के लिए कांग्रेस में शामिल हुए थे. इन छह में से एक राजेंद्र सिंह गुढा को राज्य मंत्री तो बनाया गया लेकिन उनके हिस्से आए सैनिक कल्याण जैसा कम महत्व वाला विभाग. लेकिन गूढा के बहनोई और मंत्री भँवर सिंह भाटी के लिए फेरबदल शुभ रहा. भाटी अब तक उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री थे लेकिन अब उन्हें ऊर्जा विभाग में स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बना दिया गया है.