Rajasthan Government In SC Marital Rape Case: मैरिटल रेप मामले में जल्द ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई होगी. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह (Indira jaising) ने इस मामले को CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने रखते हुए जल्द सुनवाई की मांग की है. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा मैरिटल रेप गंभीर मामला है और सुप्रीम कोर्ट इसे प्राथमिकता दे. 


CJI डीवाई चंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachud) ने भी बेंच के सामने आए इस मामले पर सहमति जताई और कहा, हम इस मामले को मंगलवार (16 जुलाई, 2024) को सुनेंगे और अगर किसी कारणों से सुनवाई नहीं हो सकी तो इस पर एक-दो दिनों में सुनवाई की जाएगी. बता दें कि राजस्थान सरकार की भी हस्तक्षेप अर्जी पर SC में सुनवाई होनी है. राजस्थान सरकार (Rajasthan government) ने पूरे मामले पर अपना पक्ष रखने की मांग की है. 


राजस्थान सरकार ने क्या कहा?


मैरिटल रेप यानी वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape) के मामलों पर राजस्थान सरकार (Rajasthan Govt.) ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर करके अपना पक्ष रखने का अनुरोध किया था जिसपर SC ने सहमति जताई और सुनवाई के लिए मंगलवार (16 जुलाई, 2024) का समय दिया. राज्य सरकार ने कहा कि मैरिटल रेप का मामला महिलाओं के अधिकारों और आपराधिक न्याय प्रणाली पर गहरा असर डाल रहा है और सरकार वैवाहिक बलात्कार की शिकार महिलाओं के हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतिबद्ध है. कहा गया कि SC का फैसला महिलाओं के लिए प्रभावी होने के साथ ही उनकी मदद करने वाला साबित हो सकता है. 


क्‍या कहता है मैरिटल रेप कानून?


मौजूदा वक्त में मैरिटल रेप कानून के मुताबिक अगर पति अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध बनाता है, बशर्ते वह पंद्रह साल से कम उम्र की न हो, तो यह बलात्कार की कैटेगरी में नहीं आता. इस मामले में राजस्थान सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में शिव मंगल शर्मा पैरवी करेंगे. शिव मंगल शर्मा ने कहा, 'महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा से लड़ने के लिए राजस्थान सरकार के विधायी और नीतिगत  उपाय कोर्ट को गहरी समझ प्रदान कर सकते हैं. 


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