Alwar Gangrape Case: राजस्थान सरकार ने अलवर बलात्कार मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया. राज्य सरकार इसके लिए केंद्र को जल्द ही अनुशंसा भेजेगा. मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में सीएम आवास पर हुई उच्च स्तरीय मीटिंग में लिया गया. बैठक में गृह राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार, पुलिस महानिदेशक एएल लाठर समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा था कि राज्य सरकार अलवर जिले में मानसिक रूप से एक कमजोर किशोरी के बदहाल एवं घायल अवस्था में मिलने के विषय की पीड़िता के परिजनों की इच्छा के मुताबिक, शहर के बाहर के एक पुलिस अधिकारी, अपराध शाखा, एसओजी या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) जैसी किसी भी एजेंसी से जांच कराने के लिए तैयार है.






 


मुख्यमंत्री गहलोत ने इस मामले में ‘‘राजनीतिक रोटियां सेकने’’ को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को आड़े हाथ लिया. एक सरकारी बयान में गहलोत ने कहा, ‘‘बलात्कार की बात से परिवारवालों पर क्या बीतती है, इसकी चिंता किए बगैर अलवर के विमंदित बालिका प्रकरण में भाजपा द्वारा राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए ऐसा घिनौना प्रचार किया जा रहा है, जो बेहद निंदनीय है.’’


सीएम ने किया था पुलिस का बचाव


उन्होंने BJP की आलोचना करते हुए कहा कि वह किशोरी को सामूहिक बलात्कार पीड़िता बता रहा है, जबकि मेडिकल रिपोर्ट में यह स्थापित हो गया है कि उसके साथ बलात्कार या यौन उत्पीड़न नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़की को आई चोटें के कारणों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है. गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य की पुलिस मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कर रही है. यदि फिर भी परिजन किसी विशिष्ट अधिकारी या सीआईडी, क्राइम ब्रांच, एसओजी अथवा सीबीआई से इस मामले की जांच करवाना चाहेंगे, तो राज्य सरकार इसके लिए भी तैयार है.’’ उन्होंने कहा था कि सरकार की नीयत साफ है कि इस मामले में स्वतंत्र जांच हो एवं इस घटना की वास्तविकता सामने आए.’’


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