राजस्थान: राज्य में एक बार फिर गुर्जर आंदोलन ने दिल्ली-मुंबई रेल रूट ठप कर दिया है. आंदोलन के पहले दिन कल भरतपुर के पास पीलपुरा गांव में जमकर बवाल हुआ. ट्रेन की पटरियां उखाड़ दी गईं. कर्नल बैंसला की अगुवाई में आंदोलन कर रहे गुर्जर समुदाय का कहना है कि नौकरियों के ओबीसी कोटे में 5 फीसदी आरक्षण का वादा अभी तक पूरा नहीं किया गया है.


गुर्जर आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठ गए


राजस्थान में भरतपुर के पीलूपुरा गांव से गुजरने वाला मुंबई-दिल्ली रेल ट्रैक एक बार फिर गुर्जर आंदोलन की चपेट में आ गया है. गुर्जर आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं. जिससे ट्रेनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है. गुर्जर आंदोलन की वजह दिल्ली-मुंबई रेल रूट पर भरतपुर से गुजरने वाली गाड़ियों को डायवर्ट किया गया है. इन ट्रेनों हिंडौन सिटी-बयाना रेलवे रूट के जरिए चलाया जा रहा है.


भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, झालावाड़ और करौली जिले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया गया है. भरतपुर जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. इस बार के आंदोलन में गुर्जर समाज दो फाड़ हो गया है. परसों गुर्जर नेता हिम्मत सिंह के गुट से गहलतो सरकार वार्ता कर चुकी है और 14 बिंदुओं पर रजामंदी की बात की जा रही है लेकिन रिटायर्ड कर्नल किरोड़ीमल बैंसला के समर्थक इससे सहमत नहीं है. उन्होंने इसे कर्नल बैंसला के सम्मान से जोड़ दिया है.


मांगें नहीं मानी गईं तो प्रदर्शन और तेज होगा- आंदोलनकारी


गुर्जरों को आरक्षण देने का गहलोत सरकार ने वादा किया था लेकिन गुर्जर नेता कह रहे हैं कि ये वादा पूरा नहीं किया गया. पीलूपुरा में आंदोलन की अगुवाई कर्नल बैंसला के बेटे विजय बैंसला कर रहे हैं. वो सरकार की वादाखिलाफी से बेहद नाराज हैं. गहलोत सरकार में शामिल गुर्जर समुदाय के मंत्री अशोक चांदना आंदोलनकारियों से बात कर सुलह का रास्ता निकालने में लगे हैं. लेकिन आंदोलनकारी जल्द मानने के मूड में नहीं दिख रहे हैं.


आंदोलनकारियों का कहना है कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो प्रदर्शन और तेज होगा.


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