सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों की याचिका पर राजस्थान HC में सुनवाई आज, विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस को दी है चुनौती
पायलट खेमे के विधायक पी.आर. मीणा ने 18 अन्य विधायकों की ओर से याचिका दायर की थी, जिन्हें हाल ही में बुलाई गई दो सीएलपी की बैठकों में शामिल नहीं होने के लिए नोटिस जारी किया गया था. इस याचिका पर आज दोपहर करीब एक बजे सुनवाई होगी.कल सुनवाई को टाल दिया गया था.
![सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों की याचिका पर राजस्थान HC में सुनवाई आज, विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस को दी है चुनौती Rajasthan: Hearing on the petition of Sachin Pilot and 18 other MLAs in Rajasthan HC today, has challenged the notice of the Speaker सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों की याचिका पर राजस्थान HC में सुनवाई आज, विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस को दी है चुनौती](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/07/16165430/sachin-pilot.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
जयपुर: सचिन पायलट और 18 अन्य बागी कांग्रेस विधायकों की तरफ से राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका पर आज दोपहर करीब एक बजे सुनवाई होगी. कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट और उनके 18 वफादार विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी द्वारा जारी अयोग्यता संबंधी नोटिस के खिलाफ गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने आरोप लगाया है कि विधानसभा अध्यक्ष राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारे पर काम कर रहे हैं. कोर्ट ने सुनवाई टाल दी, क्योंकि पायलट खेमे ने याचिका में संशोधन करने के लिए समय मांगा.
मुकुल रोहतगी और हरीश साल्वे ने पायलट खेमे का प्रतिनिधित्व किया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत से जुड़े, जबकि अभिषेक मनु सिंघवी ने गहलोत सरकार का प्रतिनिधित्व किया.
इस याचिका पर गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा ने सुनवाई की. लेकिन, बागी खेमे के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा था.
पायलट खेमे की पैरोकार हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी
गुरुवार को बागी खेमे के वकील हरीश साल्वे ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा. शाम करीब पांच बजे असंतुष्ट खेमे ने संशोधित याचिका दाखिल की. उसके बाद अदालत ने इसे दो न्यायाधीशों की पीठ की नियुक्ति के लिए मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया. दोनों पक्षों की ओर से अदालत में जानेमाने अधिवक्ता पेश हुए. विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय की ओर से कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी थे तो दूसरी तरफ हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी पायलट खेमे की पैरवी कर रहे थे.
कांग्रेस के मुख्य सचेतक भी हैं एक पक्षकार
विधानसभा अध्यक्ष से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग करने वाले कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी भी एक पक्ष हैं जिन्होंने अदालत से किसी आदेश को जारी करने से पहले उनका पक्ष सुने जाने की मांग की. विधानसभा सचिवालय ने मंगलवार को 19 विधायकों को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब देने का आदेश दिया था. नोटिस में कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी शुक्रवार को मामले में दोपहर एक बजे सुनवाई करेंगे. कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि विधायक दल की दो बैठकों में भाग लेने के लिए जारी पार्टी व्हिप का विधायकों ने उल्लंघन किया. हालांकि पायलट खेमे ने पार्टी का व्हिप विधानसभा सत्र के दौरान लागू होने की दलील दी.
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से की थी शिकायत कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने अदालत को अर्जी देकर अनुरोध किया कि इस संबंध में कोई भी आदेश देने से पहले उनका भी पक्ष सुना जाए. जोशी ने ही विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इन विधायकों को अयोग्य करार देने का अनुरोध किया है.
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सभी को नोटिस जारी किया.
पायलट खेमे के विधायकों ने रखा अपना पक्ष पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि पार्टी का व्हिप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो. विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गयी शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है.
इस प्रावधान के तहत अगर कोई विधायक अपनी मर्जी से उस पार्टी की सदस्यता छोड़ता है, जिसका वह प्रतिनिधि बनकर विधानसभा में पहुंचा है तो वह सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाता है.
इन लोगों को भेजा गया नोटिस जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है उनमें विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा भी हैं. अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत को लेकर सचिन पायलट के साथ इन्हें भी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. नोटिस पाने वाले अन्य विधायकों में दीपेन्द्र सिंह शेखावत, भंवरलाल शर्मा और हरीश चन्द्र मीणा भी शामिल हैं. इन्होंने भी गहलोत सरकार को चुनौती देते हुए मीडिया में बयान दिए थे.
200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और बीजेपी के पास 72 विधायक साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही सचिन पायलट असंतुष्ट चल रहे थे. राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और बीजेपी के पास 72 विधायक हैं.
पायलट ने कहा, 'मैं बीजेपी में शामिल नहीं हो रहा राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने और बीजेपी में शामिल होने के कयासों के बीच कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट ने कहा कि मैं बीजेपी में शामिल नहीं हो रहा हूं. सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट नई पार्टी भी बना सकते हैं.
सचिन पायलट को पद से हटाए जाने पर कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी
सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के तुरंत बाद एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया ने भी मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया. पूनिया ने कहा कि युवक कांग्रेस, राष्ट्रीय भारतीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और सेवा दल में विभिन्न पदों पर रहे कई सदस्यों ने ताजा घटनाक्रम के विरोध में इस्तीफा दे दिया है.
टोंक में लक्ष्मण सिंह गाता सहित 59 पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा इस बीच, पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक में लक्ष्मण सिंह गाता सहित 59 पदाधिकारियों ने भी अपने नेता पर कार्रवाई के खिलाफ इस्तीफा दे दिया है. पाली जिला कांग्रेस अध्यक्ष चुन्नीलाल चादवास ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
बता दें कि सोमवार को कांग्रेस ने सचिन पायलट पर बड़ी कार्रवाई की थी. उन्हें राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया था. साथ ही पार्टी ने बीजेपी के साथ मिले होने का आरोप लगाया था. हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने बाद में भी पायलट से पार्टी फोरम में आकर बात करने की अपील की.
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