Rajasthan High Court on Heatwaves: भीषण गर्मी को देखते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने गुरुवार (30 मई 2024) को एक बड़ा निर्देश दिया. अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह गर्मी के कारण मरने वाले लोगों के आश्रितों को मुआवजा दे. साथ ही यह भी कहा कि गर्मी और शीतलहर को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की आवश्यकता है.
पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के संबंध में स्वप्रेरणा से संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने राजस्थान के मुख्य सचिव को राजस्थान जलवायु परिवर्तन परियोजना के तहत तैयार 'हीट एक्शन प्लान' को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए तत्काल और उचित कदम उठाने के लिए निर्देश भी दिए. इसके लिए विभिन्न विभागों की समितियों का गठन करने को कहा गया.
भीड़भाड़ वाले रोड पर जरूरी इंतजाम करने के निर्देश
न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढांड की सिंगल बेंच ने राज्य अधिकारियों को ज्यादा भीड़भाड़ वाली सड़कों पर पानी छिड़कने, ट्रैफिक सिग्नल पर जरूरत के हिसाब से ठंडी जगह बनाने, छाया प्रदान करने, हीटवेव से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी संभव सुविधाएं प्रदान करने और कुलियों, ठेला-रिक्शा चालकों सहित खुले में काम करने वाले सभी श्रमिकों के लिए एडवाइजरी जारी करने के भी निर्देश दिए, ताकि अधिक गर्मी की स्थिति में उन्हें दोपहर 12 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच धूप में खड़े रहनने की जगह आराम करने की अनुमति दी जा सके.
गर्मी से बचाने के लिए प्रभावी कदम न उठाने की कही बात
राजस्थान हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य में आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग और राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सलाह और अगुवाई में 'हीट एक्शन प्लान' तैयार किया गया था, लेकिन इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है. सेंट्रल और स्टेट अथॉरिटी के विभिन्न कदमों और एक्शन प्लान का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि ऐसी कार्य योजनाओं के मसौदे तैयार करने के बावजूद वेलफेयर स्टेट की ओर से आम जनता के हित में उन्हें ऐसी भीषण गर्मी से बचाने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
सरकार से उचित कानून बनाने को कहा
न्यायालय ने कहा कि इस तथ्य को देखते हुए कि गर्मियों में अधिक गर्मी के अलावा लू लगने और सर्दियों में कड़ाके की ठंड के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान जा चुकी है, यह सही समय है कि सरकारें उचित कानून बनाएं और गर्मी और शीत लहरों के कारण होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए लाए गए विधेयक 2015 के तहत एक वैधानिक अधिनियम बनाएं.
अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, "देश भर में भीषण गर्मी और शीत लहरों के कारण बड़ी संख्या में मौतों को देखते हुए, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है. गर्मी और शीत लहर को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की आवश्यकता है."
ये भी पढ़ें